Meeting held to persuade Hemaram Chaudhary to contest the elections: कांग्रेस (congress) के भीतर दावेदारी की आस लगाए बैठे नेताओं को जहां पहली लिस्ट का इंतजार है. वहीं, मारवाड़ के कद्दावर किसान नेता और गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी (hemaram choudhary) ने चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान से पार्टी की चिंताए बढ़ी दी है. इस बात से मंत्री हेमाराम चौधरी के समर्थक भी निराश है. उन्हें मनाने के लिए चौधरी के हजारों समर्थकों ने 16 अक्टूबर को महाकुंभ का आयोजन किया. इस दौरान मंत्री को चुनाव लड़ने के लिए मनाने की कोशिशें की गई. चौधरी के समर्थक इस कदर परेशान है कि वो लोग रैली में रो पड़े और अपनी पगड़ी को हेमाराम चौधरी के पैरों में रख दिया. बावजूद इसके हेमाराम चौधरी चुनाव लड़ने के लिए राजी नहीं हुए. हेमाराम चौधरी का कहना है कि मैं जनता की पूरे कामकाज नहीं करवा सका. इसलिए अब मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता.
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इससे पहले सचिन पायलट के करीबियों नेताओं में एक हेमाराम चौधरी के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं ने जनता दरबार में हाजिर होने का फतवा जारी किया था. जिसके बाद हेमाराम चौधरी हजारों की रैली में हाजिर हुए. इस दौरान उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने की वजह का खुलासा भी किया.
मंत्री हेमाराम चौधरी ने राजस्थान तक से खास बातचीत में बताया कि बहुत से ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जो कि अपनी ही सरकार में पूरे नहीं करवा पाए. हालांकि उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया. लेकिन इशारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर करते नजर आए. उन्होंने कहा “पानी से लेकर कई अन्य योजनाएं मेरे इलाके में अभी तक शुरू नहीं हुई है. ऐसे में फिर से मैं चुनाव लड़कर यहां की जनता के साथ में धोखा नहीं करना चाहता हूं. यहां की जनता ने मुझे पिछले 45 सालों से अटूट प्यार दिया है. उसी की बदौलत में विधायक, मंत्री और प्रतिपक्ष का नेता बन पाया.”
हेमाराम ने कहा कि अब मैं यहां की जनता को यह समझा रहा हूं कि नए लोगों को आगे आने का मौका देना चाहिए. मेरी अब रिटायरमेंट की उम्र भी हो चुकी है. लेकिन यह जनता मानने को तैयार नहीं है. मैंने पार्टी में अपनी टिकट को लेकर भी आवेदन नहीं किया है. मैं चाहता हूं कि पार्टी जिसे भी उम्मीदवार बनाएं. उसके साथ हम तन, मन और धन से जुड़ जाए.
समर्थकों ने दी चेतावनी
वहीं, जब हेमाराम चौधरी ने अपना भाषण खत्म किया तो समर्थकों ने भी चेतावनी दे दी. उन्होंने कहा कि जब तक आप चुनाव लड़ने के लिए राजी होंगे, तब तक हम यहां पर बैठे रहेंगे और खाना भी नहीं खाएंगे. हेमाराम चौधरी ने भी कह दिया कि मैं भी अन्न और जल त्याग दूंगा. करीब 3 घंटे तक मंच पर बैठे रहने के दौरान कई समर्थक बार-बार हेमाराम चौधरी को मानते नजर आए. लेकिन वो टस के मस नहीं हुए।
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