राजस्थान हाईकोर्ट ने रविवार को आरजेएस भर्ती परीक्षा (RJS Exam) का आयोजन किया था. इस दौरान जोधपुर (Jodhpur News) के शिकारगढ़ में एक सिख महिला को कड़ा और कृपाण के साथ परीक्षा देने से रोक दिया गया. इस पर पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) से कड़ी आपत्ति जताई है. इसके साथ ही उन्होंने महिला को विशेष अवसर देने की भी मांग की है.
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पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने रविवार शाम को ट्वीट कर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से कहा, "मैं आज जोधपुर में हुई निंदनीय घटना की कड़ी निंदा करता हूं. जहाँ जालंधर की एक वकील और अमृतधारी सिख बीबी अरमानजोत कौर को सिख रहत मर्यादा का एक हिस्सा, अपनी पवित्र कृपाण न देने के कारण न्यायिक सेवा परीक्षा देने से रोक दिया गया. यह हमारे धर्म के खिलाफ एक अपमान है. मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वे दोषी कर्मचारियों के खिलाफ़ कठोर दंडात्मक कार्रवाई करें और बीबी अरमानजोत कौर को परीक्षा में बैठने का एक विशेष अवसर दें."
कृपाण हमारे धर्म की निशानी है: सिख महिला
दरअसल, जोधपुर के शशिकारगढ़ स्थित पीएलवी कॉलेज में आरजेएस परीक्षा का केंद्र था. जहां पर अरमानजोत कौर को परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने के बाद वहां मौजूद एक मजिस्ट्रेट (जिन्हें नोडल अधिकारी बनाया गया था) ने अरमानजोत कौर से कड़ा और कृपाण उतारने का कहा. इस पर सिख महिला ने कहा कि यह हमारे धर्म की निशानी है और इसकी सब जगह अनुमति है. लेकिन परीक्षा केंद्र प्रभारी ने इसे स्वीकार नहीं किया जिसके चलते सिख महिला परीक्षा नहीं दे पाई. इसको लेकर अब पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कड़ी आपत्ति जताई है.
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