Ravindra singh bhati: राजस्थान के बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा से निर्दलीय विधायक रविंद्रसिंह भाटी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में भाटी अधिकारियों की जमकर क्लास लगाते नजर आ रहे है. वीडियो में भाटी कहते हुए नजर आ रहे हैं कि 'किसी के दिमाग में कोई भूत हो तो निकाल देना. मुझे भूत निकालने आते हैं और निकालकर ही आया हूं.' विधायक ने अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि अब तक क्या सिस्टम था, क्यों था, ये सब खत्म करना पड़ेगा और नए तरीके से काम करना पड़ेगा.
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दरसअल, यह वीडियो शिव विधानसभा के रामसर पंचायत समिति की बजट बैठक का हैं. जहां पहले कुछ जनप्रतिनिधि पहुंचे थे तो उन्हें बाहर निकाल दिया गया. थोड़ी ही देर बाद जब विधायक रविंद्रसिंह भाटी पहुंचे और उन्हें जब पता चला कि जनप्रतिंधियों को बाहर निकाला गया हैय इसी बात से भाटी अधिकारियों पर भड़क उठे. विधायक ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं होगा.
यहां जानिए पूरा मामला
मीटिंग का समय 2 बजे का था और 3 बजे बैठक शुरू हुई. बैठक में जब विधायक भाटी पहुंचे तो मीटिंग शुरू हो चुकी थी. इस पर भाटी ने कहा कि बैठक शुरू करने की जल्दी थी क्या? इस पर बीडीओ ने कहा कि प्रधान और अन्य जनप्रतिनिधियों के कहने पर बैठक शुरू की. वहीं, जिला परिषद सदस्य आसूलाल सियाग ने कहा कि हमारे कहने से बैठक शुरू हुई. इससे विधायक और जिला परिषद सदस्य के बीच नोक -झोंक हो गई. विधायक भाटी ने कहा कि बैठक शुरू करने का अधिकार प्रधान के पास है, आपके कहने से नहीं होगा. इस पर अन्य सदस्यों ने मोर्चा संभाला और बैठक शुरू करवाई.
भाटी ने अधिकारियों से कहा कि बैठक शुरू करने का अधिकार प्रधान के पास है या किसी पंचायत समिति सदस्य के पास नहीं है. किसी के दिमाग में कोई भूत है तो निकाल देना. भूत निकालने आते भी हैं और निकालकर आया भी हूं, विधायक ने सरपंच के साथ प्रतिनिधियों को बाहर बैठाने पर विकास अधिकारी पर नाराजगी जाहिर की. भाटी के कहा कि आज के बाद किसी से साथ दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए.
"जो बाहर खड़े हैं, इन्होंने ही हमें लायक बनाया है"
विधायक रविंद्रसिंह भाटी ने भरी बैठक में कहा कि पहले क्या सिस्टम था, वो अब नहीं चलेगा. अब नए तरीके से काम करना पड़ेगा. मैं यहां तक पहुंचा हूं तो मजबूती से पहुंचा हूं. यह शुरुआती पारी है, मुश्किल से दो महीने हुए हैं. पांच साल पूरे पड़ें हैं, रगड़ कर रख दूंगा. किसी को कोई गलतफहमी है तो निकाल देना. काम करना पड़ेगा, सरकार की गाइडलाइन से. जनता को जो बाहर खड़ा करवाया है, इन लोगों ने ही हमें इस लायक बनाया है कि मीटिंग में बैठें. किसी के साथ दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए. किसी के दिमाग में दादागिरी का फितूर हो तो निकाल देना. काम करना है, जनता के लिए करना है. अगर किसी को जाने की जल्दी हो तो बैठक से निकल सकता है, दरवाजा खुला है.
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