Sanjivani Scam: संजीवनी घोटाला मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (gajendra singh shekhawat) को गिरफ्तारी में दी गई राहत को रद्द करवाने के लिए राजस्थान (rajasthan news) सरकार के प्रार्थना पत्र पर बुधवार को सुनवाई हुई. बहस के दौरान वकील आपस में ही उलझ गए जिससे जज नाराज भी हो गए. हालांकि मामले पर सुनवाई पूरी नहीं हो सकी और अब अगली सुनवाई 11 सितम्बर को होगी.
ADVERTISEMENT
दरअसल, राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर के जस्टिस कुलदीप माथुर की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई. सीबीआई की ओर से डिप्टी सॉलिसीटर जनरल मुकेश राजपुरोहित ने 3 सप्ताह का समय मांगा था जिसे कोर्ट ने मंजूर कर दिया. राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा और केन्द्रीय मंत्री शेखावत की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता वीआर बाजवा समेत अन्य अधिवक्ताओं ने पैरवी की.
वकील आपस में उलझे तो जज ने जाहिर की नाराजगी
राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने बहस करते हुए गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाने के लिए पक्ष रखा तो वही केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता वीआर बाजवा ने बहस की. दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप के दौरान वकीलों में जमकर बहस हुई. एक बार तो कोर्ट ने भी असंतोष जताया कि समय बर्बाद ना करें और मुख्य मामले पर पक्ष रखे. लेकिन फिर मामले पर गहमागहमी बढने लगी तो कोर्ट ने संयुक्त अनुरोध पर 11 सितम्बर को अगली सुनवाई मुकरर्र करते हुए अंतिम आदेश को भी आगे बढ़ा दिया.
गौरतबल है कि संजीवनी घोटाला मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की गिरफ्तारी पर कोर्ट ने रोक लगा दी थी. इसके बाद गिरफ्तारी को रद्द करने के लिए राजस्थान सरकार ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश किया था. इस मामले पर अब अगली बहस 11 सितंबर को होगी.
यह भी पढ़ें: संजीवनी घोटालाः शेखावत को कोर्ट से राहत, मामले में गिरफ्तारी पर लगी रोक
ADVERTISEMENT