Sachin Pilot Interview: राजस्थान में विधानसभा चुनावों को लेकर सभी पार्टियों में मंथन शुरू हो गया है. वहीं राजस्थान कांग्रेस में पिछले 4 वर्षों से चल रही खींचतान फिर से सामने आने लगी है. सचिन पायलट एक बार फिर से गहलोत गुट पर कार्रवाई न करने को लेकर सवाल खड़े किए हैं. बुधवार को पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में सचिन पायलट ने 25 सितंबर को जयपुर में हुई पार्टी विधायक दल में बैठक में भाग नहीं विधायकों और तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश की अहवेलना करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सवाल खड़ा किया है.
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पायलट ने कहा कि जिम्मेदार नेताओं के खिलाफ कार्रवाई में देरी हो रही है. पायलट ने आगे कहा कि हमें राजस्थान में हर पांच साल में सरकार बदलने के चले आ रहे ट्रेंड को बदलना है, ऐसे में आलाकमान को जल्द राजस्थान से जुड़े मुद्दों पर फैसला करना होगा. पायलट ने कहा कि कोई भी व्यक्ति बड़ा या छोटा नहीं होता. पार्टी में नियम सभी के लिए समान होते हैं.
जिम्मेदार नेताओं पर कार्रवाई पर उठाया सवाल
जिम्मेदार नेताओं के खिलाफ कार्रवाई न होने के लेकर सचिन पायलट ने कहा कि इसका जवाब एके एंटनी, पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस की अनुशासन समिति ही दे सकती है. उन्होंने कहा कि विधायक दल की बैठक के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे जी केंद्रीय पर्यवेक्षक थे. बैठक में जो कुछ होता, सहमति या असहमति जो भी होता, बैठक ही नहीं होने दी गई. ऐसे में पार्टी की ओर से समानांतर बैठक को नहीं होने के संदर्भ में जिम्मेदार नेताओं को अनुशासनहीनता के नोटिस दिए गए थे.
81 विधायकों के इस्तीफे की जांच होनी चाहिए
पायलट ने विधायकों के इस्तीफे पर कहा कि स्पीकर ने हाईकोर्ट के हलफनामा दायर कर कहा कि उन्हें 81 विधायकों के इस्तीफे मिले थे. जिनमें से कुछ ने व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होकर इस्तीफे सौंपे थे. कुछ ने फोटोकॉपी के द्वारा इस्तीफे भेजे थे. बाकि को स्वीकार नहीं किया गया. इसी क्योंकि वे अपनी मर्जी से नहीं दिए गए थे. इसी कारण स्पीकर ने इन इस्तीफों को खारिज किया था. सचिन ने कहा कि अपनी इच्छा से इस्तीफे ने देने की जोर देते हुए कहा कि इसकी जांच कराई जानी चाहिए.
जल्द फैसला करें आलाकमान
सचिन ने आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर कहा कि हम चुनाव की ओर बढ़ रहे हैं, आलाकमान ने कई बार कहा है राजस्थान में चुनावी रणनीति क्या होगी इस पर निर्णय लिया जाएगा. सचिन ने कहा बजट पेश हो चुका है, पार्टी को अब जो भी निर्णय लेने हैं, उनमें देरी नहीं करनी चाहिए, निर्णय जल्दी लेना चाहिए. क्योंकि दिसंबर में चुनाव होने हैं. हमें इस चुनाव में सरकार बदलने के ट्रेंड को तोड़ना है.
इनपुट: पीटीआई
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