जनसंघर्ष यात्रा के समापन पर पायलट ने दिया गहलोत को ये अल्टीमेटम, बोले- आजकल दूध-नींबू बहुत चल रहा है

Sachin Pilot Jan Sangarsh Yatra: जनसंघर्ष यात्रा के समापन के मौके पर सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को खुली चुनौती दी. यात्रा समाप्त होने के बाद कहा कि अब लोग कहेंगे कि हम गुटबाजी कर रहे हैं. हमारी जो मांगें थी, उस पर तो एआईसीसी ने कमेटी बनाई. हमने तो बिना पद पर रहकर […]

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Sachin Pilot Jan Sangarsh Yatra: जनसंघर्ष यात्रा के समापन के मौके पर सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को खुली चुनौती दी. यात्रा समाप्त होने के बाद कहा कि अब लोग कहेंगे कि हम गुटबाजी कर रहे हैं. हमारी जो मांगें थी, उस पर तो एआईसीसी ने कमेटी बनाई. हमने तो बिना पद पर रहकर गालियां खाई, लेकिन कुछ लोगों ने तो 25 सितंबर को हाईकमान को बेइज्जत किया.

पायलट ने कहा कि इस मौके पर एक वादा करना चाहता हूं कि मुझको और मेरे परिवार को राजनीति में 40-45 साल हो चुके हैं. आप इंटरनेट बंद करो या बिजली बंद करो, कुछ होने वाला नहीं है. केंद्र में मुझे बहुत मौके मिले. प्रदेश की जनता जानती है कि मेरे काम करने के तरीके में मेरा घोर विरोधी भी उंगली नहीं उठा सकता.

मुझे जानकारी मिली है कि कुछ लोग उत्पात फैला सकते हैं, लेकिन कोई कोशिश भी करे तो विचलित नहीं होना है. मेरे साथी मुझे किसी दायरे में बांधने की बात करते हैं. मैं 36 कौम का नेता हूं. मैं किसी पद पर रहूं या ना रहूं, मैं राजस्थान की जनता की सेवा आखिरी सांस तक करता रहूंगा. प्यार से मांगो तो हाथ काटकर दे देंगे. धमकाकर मांगोगे तो हम चुप रहने वाले नहीं है. आप नौजवानों के छालों की कसम मैं पीछे हटने वाला नहीं हूं. राजनीति सिर्फ पद पर बैठने के लिए नहीं है. जो भी कुर्बानी देनी होगी तो मैं तैयार हूं. कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी की सरकार 40 फीसदी करप्शन वाली सरकार है.

पायलट ने की ये 3 मांग, सरकार के दी चेतावनी
कोई अब कह रहा है कि 10 बार या 15 बार मुलाकात हुई. मैंने तो कभी कहा ही नहीं कि मिलीभगत है. हम किसी का विरोध नहीं करते. मैं यह मांग करता हूं कि जो भी पेपर लीक से परेशान युवा है, उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए. आरपीएससी बंद करो और नई व्यवस्था कायम करो. जान-पहचान और रिश्तेदारी में मेंबर बना देते हो. जबकि हटाने के लिए राष्ट्रपति तक जाना चाहता है. प्रिंटिग प्रेस, आरपीएससी और कोचिंग का जो जंजाल बना हुआ है, उसे ध्वस्त करना होगा.

साथ ही वसुंधरा राजे की सरकार में जो आरोप लगाए थे, उसकी स्तरीय जांच होनी चाहिए. ये मांगे नहीं मानी गई तो महीने के आखिरी में आंदोलन करूंगा. मुख्यमंत्री तो गृहमंत्री भी है और वित्तमंत्री भी. उन्होंने भी वसुंधरा राजे पर आरोप लगाए थे, अब कथनी और करनी में अंतर नहीं होनी चाहिए. मैंने मांग रखी कि वसुंधरा की सरकार में जो भ्रष्टाचार हुआ, उसकी जांच करो. मुझे समझ आ गया कि अनशन से पार नहीं पड़ेगा. इसलिए अजमेर से हमने यात्रा शुरू की. ये तीनों मांग को मानने का इस महीने के आखिरी तक नहीं मानी गई तो मैं पूरे प्रदेश में आंदोलन करूंगा.

मछली छोटी हो या बड़ी, पक्षपात नहीं होना चाहिए
कहा जा रहा है कि कानून अपना काम करेगा. फिर तो मछली छोटी हो या बड़ी, पक्षपात नहीं चलेगा. नागौर में मैंने बोला था कि पेपर लीक होता कैसे है, तिजोरी से निकलकर पेपर लीक होता कैसे है. तब कहा गया कि कोई अधिकारी शामिल नहीं है. अभी आपने कटारा को अरेस्ट कर लिया. ये सदस्य कैसे बने. कुछ पत्रकारों ने बोला कि 4-5 दिन गर्मी में चलोगे, बहुत पीड़ा होगी. लेकिन मैंने कहा कि 4-5 दिन पैदल चलना पीड़ा नहीं है. जब साल 2 साल लड़का-लड़की तैयारी करते है और पेपर लीक होते है, पीड़ा वह होती है.

आजकल दूध और नींबू बहुत चल रहा है- पायलट
इस यात्रा का संकल्प था कि बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार की जांच कराना था. युवाओं के साथ धोखा हुआ, उसकी जांच कराना था. क्या आपको इस यात्रा में आने के लिए रोकने के प्रयास हुए. जनता ने कहा जबाव में हामी भरी. अपने लोगों को बदनाम करो और बीजेपी का गुणगान करो, ये नहीं चलेगा. शासन में जब कोई आता है तो कोई एक व्यक्ति नहीं आता. सबको मिलकर काम करना होता है. दूध का नींबू, सॉरी आजकल दूध और नींबू बहुत चल रहा है. दूध का दूध और पानी का पानी नहीं होगा तो विरोधी बोलेंगे कि कही कोई गड़बड़ तो नहीं है.

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