Paper Leak Case: वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा सहित दो अन्य लोगो को हिरासत में लिए जाने के बाद आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने भी जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि इससे यह साफ हो गया कि पेपर आरपीएससी से ही आउट हुआ था. चूंकि पेपर जैसी गोपनीय शाखा सीधे चेयरमैन के अधीन होती है. ऐसे में पेपर लीक मामले में आरपीएससी के चेयरमैन सहित सत्ता में बैठे मंत्रियों और ब्यूरोक्रेट्स की भूमिका को भी नकारा नहीं जा सकता.
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उन्होंने कहा कि पहले भी रीट पेपर आउट प्रकरण में डीपी जारोली ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि पेपर लीक राजनैतिक संरक्षण में हुआ. पेपर लीक का यह सिलसिला बीजेपी सरकार के कार्यकाल से जारी है. सत्ता के गठजोड़ से पेपर माफिया राजस्थान के युवाओं के सपनों का सौदा करते आ रहे हैं. आरएलपी सुप्रीमो ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि आज जिस आरपीएससी सदस्य को हिरासत में लिया, उन्हे आरपीएससी में सदस्य किसकी सिफारिश पर बनाया? उनकी निकटता किन-किन लोगो से है? इन तमाम बातों की सच्चाई सीबीआई जांच से ही सामने आ सकती है, क्योंकि आज मुख्यमंत्री ने कुछ समय पहले ही ढोल पीटकर अफसरों को क्लीन चिट दी थी.
हनुमान बेनीवाल ने इस पूरे मामले में राज्य सरकार की जांच एजेंसी पर भी संदेह जाहिर किया कि वह असली गुनहगार और सरगनाओं के नाम सामने ला पाए. उन्होंने कहा कि बाबूलाल कटारा तो एक मछली है, असली मगरमच्छ दूसरे लोग है जो आज भी पर्दे के पीछे है. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होते ही उसी दिन अजमेर में आरपीएससी के मुख्यालय, राजधानी जयपुर, मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र जोधपुर और शिक्षा मंत्री के गृह क्षेत्र बीकानेर में आरएलपी ने प्रदर्शन किया था.
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