Rajendra Gudha released pages of red diary: मंत्री पद से बर्खास्त राजेंद्र गुढ़ा (rajendra gudha) ने बहुचर्चित ‘लाल डायरी’ के 3 पन्ने जारी किए हैं. इन पन्नों में सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के बेटे वैभव गहलोत, मुख्यमंत्री के ओएसडी सौभाग सिंह, आरटीडीसी (RTDC) चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ और कई अधिकारियों के बीच लेन-देन का जिक्र किया गया है.
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पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने यह भी दावा किया है कि लाल डायरी में हैंडराइटिंग धर्मेंद्र राठौड़ की ही है. उन्होंने यह भी बताया कि लाल डायरी से जुड़ी और जानकारी वह समय-समय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके देते रहेंगे. अगर उन्हें जेल भेज दिया जाएगा तो उनका विश्वस्त कोई व्यक्ति ये जानकारियां पब्लिक तक पहुंचाएगा.
रंधावा ने माफी मांगने का दबाव बनाया: गुढ़ा
राजेंद्र गुढ़ा ने दावा किया कि डायरी के इन पन्नों में आरसीए के करप्शन और लेनदेन का स्पष्ट रूप में जिक्र किया गया है. उन्होंने कहा,” रंधावा ने मुझ पर माफी मांगने के लिए दबाव बनाया. सरकार भी झूठे केस में फंसाकर मुझ पर दबाव बना रही है. मैं डायरी को विधानसभा में टेबल पर रखना चाहता था ताकि यह रिकॉर्ड में आ सके लेकिन मुझसे डायरी छीन ली गई.”
‘मुझे बैठने के लिए कुर्सी और बोलने के लिए माइक तक नहीं दिया’
विधानसभा में अपने साथ हुए बर्ताव को लेकर गुढ़ा ने कहा कि 8 दिन पहले मैं विधासभा में गया था. मैं उस टाइम में मंत्री नहीं था. मंत्री की कुर्सी पर मैं बैठ नहीं सकता था क्योंकि अब मैं मंत्री नहीं रहा था. मेरे लिए दूसरी कुर्सी नहीं लगाई. मेरे लिए वहां कुर्सी ही नहीं थी. ये कुर्सी मुझे अशोक गहलोत की मेहरबानी से नहीं मिली थी. ये मेरा अधिकार था जो आपने मुझे दिया था. मेरे पास कुर्सी नहीं थी. मेरे पास माइक नहीं था. मैंने अध्यक्ष को जाकर कहा कि ये क्या बात है. मेरी कुर्सी कहां है मुझे बोलना है. उन्होंने मेरी बात नहीं सुनी और मुझे सीट नहीं दी.
मैंने गहलोत को 2 बार CM बनाया: गुढ़ा
अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए पूर्व मंत्री गुढ़ा ने कहा कि उनको मैंने दो-दो बार मुख्यमंत्री बनाया. 2008 में तो ये फेल हो गए थे. इनके पास तो 96 एमएलए थे और इनको 100 से ऊपर एमएलए चाहिए थे. मैंने इनको 6 एमएलए दिए थे. उनको मुख्यमंत्री बनाने में मदद की थी. इसके बाद उनके कहने से राज्यसभा का 6 बार वोट दिया. दूसरी बार 2018 में मैंने फिर से 6 एमएलए दिए. दोबारा उनकी सरकार बनाने में मदद की.
इस बयान के बाद गुढ़ा को हटाया गया था
राजेंद्र गुढ़ा ने सदन में राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर कहा था कि ‘ये स्वीकार करना चाहिए, ये सच्चाई है कि हम महिलाओं की सुरक्षा में असफल हो गए. राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ जिस तरह से अत्याचार बढ़े हैं, मणिपुर की चिंता करने की बजाय हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए’. इस बयान के बाद राजेंद्र गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था.
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