रायपुर अधिवेशन में राजस्थान को मिलेगा नया CM! पायलट को लेकर क्या है कांग्रेस आलाकमान की रणनीति

Sharat Kumar Show: मंजिल लाख कठिन आए गुजर जाऊंगा मैं, हौसला हार कर बैठूंगा तो मर जाऊंगा मैं. राजनीति में कोई हौसला हारकर बैठना नहीं चाहता है. राजनीति में रिटायरमेंट की कोई उम्र भी नहीं होती है. अगर लड़ाई हौसले की है तो फिर पूरी लड़ी जाएगी. राजस्थान की राजनीति में ऐसा लग रहा है […]

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Sharat Kumar Show: मंजिल लाख कठिन आए गुजर जाऊंगा मैं, हौसला हार कर बैठूंगा तो मर जाऊंगा मैं. राजनीति में कोई हौसला हारकर बैठना नहीं चाहता है. राजनीति में रिटायरमेंट की कोई उम्र भी नहीं होती है. अगर लड़ाई हौसले की है तो फिर पूरी लड़ी जाएगी. राजस्थान की राजनीति में ऐसा लग रहा है कि चुनाव शबाब पर हैं भले ही चुनाव अभी 7-8 महीने दूर हैं.

चल रहे थे जो साथ कहां हैं वो लोग, जो कह रहे थे रास्ते में बिखर जाऊंगा मैं. राजनीति में पुराने साथी मिलते हैं, बिछड़ते हैं. वसुंधरा राजे भी यात्रा पर हैं. सचिन पायलट शिलॉन्ग की यात्रा कर रहे हैं और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जयपुर और जोधपुर के बीच यात्रा कर रहे हैं. ये सारी यात्राएं एक ही पद के लिए हैं. दूसरी तरफ गजेंद्र सिंह शेखावत भी कल देर शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस करने बैठे. उनकी आंखों में भी उसी पद का सपना है.

आज राजस्थान की राजनीति में बात शुरू करते हैं सचिन पायलट से. सचिन पायलट बिखर क्यों नहीं रहे हैं. लोगों को उम्मीद थी कि रास्ते में बिखर जाएंगे. श्रीगंगानगर से शिलॉन्ग की यात्रा है. श्रीगंगानगर की तंग गलियों में आपने कल भीड़ देखी थी. आज ये भीड़ है शिलॉन्ग की. छोटी सभा है मगर कांग्रेस के पहले नेता हैं जो दिल्ली से चुनाव प्रचार के लिए भेजे गए हैं.

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अगर ये अहमियत है तो इस अहमियत के बल पर कोई रास्ता निकलने वाला है क्या? क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शायद बुझे बाण अब नहीं बोल रहे हैं. बताया जा रहा है कि आलाकमान सीएम गहलोत को यूपीए का चेयरमैन बनाना चाह रहा है. इस वजह से महेश जोशी, धर्मेंद्र राठौड़ और शांति धारीवाल बचे हुए हैं.

रायपुर से कोई राह निकलेगी या नहीं, इसे लेकर हर कोई इंतजार कर रहा है. मगर ऐसा कहा जा रहा है कि कांग्रेस के पास ब्लू प्रिंट राजस्थान के लिए भी तैयार हो गया है. और राजस्थान के इन दो बड़े नेताओं के बीच रास्ता निकाला जाएगा. अब सिखजिंदर सिंह रंधावा ने जो बात कही है वो बात राजस्थान के हर कांग्रेसी के दिल में है. यह बात लंबे समय से मैं कह रहा हूं कि घोड़ी आप चढ़े हो, दूल्हा आप बने हो तो फूफाजी, मौसाजी सबका खयाल आपको करना है. सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अशोक गहलोत को फिर से नसीहत दी है कि अगर कोई नाराज है तो उसके घर जाकर मनाइए. यहां देखिए ये पूरा पॉलिटिकल शो

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