Rajasthan: सचिन पायलट का नाम लिए बिना उन पर ताबड़तोड़ राजनीतिक हमला करने वाले राजस्व मंत्री रामलाल जाट अब पायलट के मुद्दे पर बचाव की मुद्रा में आ गए हैं. लगता है कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा के मौन धारण करने के साथ-साथ रामलाल जाट को अपने विधान सभा क्षेत्र माण्डल में बहुतायत में गुर्जर वोटरों की नाराजगी का भय सताने लगा है.
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अंबेडकर जयंती पर ब्लड डोनेशन कैंप में हिस्सा लेने आए राजस्व मंत्री रामलाल जाट से जब सचिन पायलट के अनशन पर मीडिया ने सवाल किया तो जाट बोले- देखो अभी हमारा ब्लड डोनेशन का कैंप और महंगाई राहत शिविर है. लोगों को राहत देने का काम है, बस एक ही मुद्दा है. इसी मुद्दे पर हम बात करेंगे.
उन्होंने कहा कि अंबेडकर के विचार लोगों तक पहुंचे, यह राजनीतिक मामले पार्टी के अंदरूनी मामले हैं, रामलाल से अकेले से हल नहीं होते हैं. रामलाल की व्यक्तिगत चॉइस अलग हो सकती है लेकिन राजनीतिक मुद्दों पर फैसला बड़े लीडर ही कर पाते हैं. आज केवल 14 अप्रैल का काम ही करेंगे. जब जाट का ध्यान सुखविंदर सिंह रंधावा के बयान की ओर दिलाया तब भी वह यही बोले की केवल 14 अप्रैल.
पायलट पर हमला करने के कारण गुर्जर समाज के निशाने पर आए राजस्व मंत्री जाट अब समझ गए हैं कि उनके लिए यह राजनीतिक नुकसान का सौदा हो गया है. क्योंकि जाट के विधानसभा क्षेत्र मांडल में गुर्जर वोटरों की संख्या बहुत बड़ी और निर्णायक है, जिन्होंने पायलट के मुद्दे पर जाट के खिलाफ जमकर प्रतिक्रिया दी थी.
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