Rajasthan Election: कांग्रेस-बीजेपी के लिए क्यों अहम है मारवाड़, इस बार RLP बिगाड़ सकती है गेम

Rajasthan Election: राजस्थान में चल रहे चुनावी घमासान के बीच सत्ता पर काबिज होने के लिए 101 सीट का बहुमत जरूरी है. इन आंकड़ों में मारवाड़ (Marwar) की 43 सीट अहम रोल निभाती हैं. कहते हैं कि जिस पार्टी का मारवाड़ पर कब्जा रहता है. सत्ता में वही पार्टी काबिज होती है. ऐसे में कांग्रेस […]

Rajasthan Election: कांग्रेस-बीजेपी के लिए क्यों अहम है मारवाड़, इस बार RLP बिगाड़ सकती है गेम!

Rajasthan Election: कांग्रेस-बीजेपी के लिए क्यों अहम है मारवाड़, इस बार RLP बिगाड़ सकती है गेम!

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Rajasthan Election: राजस्थान में चल रहे चुनावी घमासान के बीच सत्ता पर काबिज होने के लिए 101 सीट का बहुमत जरूरी है. इन आंकड़ों में मारवाड़ (Marwar) की 43 सीट अहम रोल निभाती हैं. कहते हैं कि जिस पार्टी का मारवाड़ पर कब्जा रहता है. सत्ता में वही पार्टी काबिज होती है. ऐसे में कांग्रेस हो या बीजेपी (Congress-BJP) सभी पार्टी मारवाड़ क्षेत्र में सबसे ज्यादा फोकस रखती हैं.

राजस्थान चुनाव के पिछले नतीजे पर नजर डालें तो कांग्रेस की सरकार बनाने में मारवाड़ ने अहम रोल निभाया. जोधपुर की 7, नागौर की 6, जैसलमेर, बाड़मेर की 8, जालौर, सिरोही की एक सीट मिलाकर कुल 22 सीट कांग्रेस के खाते में गई. जबकि जोधपुर में भाजपा को नुकसान झेलना पड़ा था. इस बार दोनों ही पार्टियां मारवाड़ को अपने कब्जे में लेने का हर संभव प्रयास कर रही हैं. माइक्रो लेवल तक सर्वे का दौर चल रहा है. कहते हैं कि राजस्थान में टिकट वितरण में देरी का कारण भी मारवाड़ है.

मारवाड़ में गेम बिगाड़ सकती है आरएलपी

भाजपा की पहली सूची में दो से तीन सीटों को छोड़कर अधिकांश पर प्रत्याशी घोषित नहीं किए गए. जबकि कांग्रेस भी प्रत्याशियों के नाम पर मंथन करने में जुटी है. दूसरी तरफ मारवाड़ में आरएलपी गणित बिगाड़ सकती है. तीन सीट खींवसर, मेड़ता और गोपालगढ़ है. पिछली बार भी आरएलपी ने कई सीटों पर गणित बिगड़ा था. तो इस बार भी मारवाड़ की कुछ सीटों पर आरएलपी का प्रभाव नजर आने लगा है.

2013 में भाजपा ने मारी थी बाजी

2013 में भाजपा और 2018 में कांग्रेस का मारवाड़ क्षेत्र में कब्जा रहा. भाजपा ने 2013 में 43 में से 38 सीट जीती थी. तो कांग्रेस को सिर्फ तीन सीटों पर संतुष्टि करनी पड़ी. दो सीट अन्य के खाते में गई. पिछले 25 साल से मारवाड़ में कांग्रेस का कुछ ऐसा ही प्रदर्शन रहा है. 1998 में कांग्रेस ने मारवाड़ में 32 सीट जीती थी. इस समय भाजपा 9 सीटों पर सिमट गई थी. इस तरह का प्रदर्शन भाजपा ने 2003 में किया. उसे समय भाजपा 32 सीट में जीत पाई थी. आचार संहिता लगने से पहले कांग्रेस ने मारवाड़ क्षेत्र में चुनाव प्रचार शुरू कर दिया था. योजना गिरने के बहाने हो या महिलाओं से चर्चा करने का मौका हो. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक-एक सीट पर पहुंचकर जनता से सीधा संवाद किया. इसके बाद भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जोधपुर में सभा कर माहौल बदल दिया. सभा में पूरे मारवाड़ से नेताओं व कार्यकर्ताओं को बुलाया गया. अब हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मारवाड़ के प्रमुख नेताओं से जोधपुर में एक एक से चर्चा की. यह चर्चा खासकर डैमेज रोकने या कहें डैमेज कंट्रोल करने के लिए की गई थी.

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