राजे के करीबियों के टिकट काटकर पार्टी नेतृत्व ने दिखाया ट्रेलर? अब इन नेताओं की किस्मत दांव पर!

Vasundhara raje’s close leader is waiting for BJP candidate’s second list: विधानसभा चुनाव (rajasthan election 2023) के लिए पहली लिस्ट जारी कर बीजेपी (bjp) ने सबको चौंका दिया है. 41 प्रत्याशियों की जारी सूची में 7 सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा तो साथ ही वसुंधरा राजे के करीबियों को झटका भी दे दिया. सबसे […]

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Vasundhara raje’s close leader is waiting for BJP candidate’s second list: विधानसभा चुनाव (rajasthan election 2023) के लिए पहली लिस्ट जारी कर बीजेपी (bjp) ने सबको चौंका दिया है. 41 प्रत्याशियों की जारी सूची में 7 सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा तो साथ ही वसुंधरा राजे के करीबियों को झटका भी दे दिया. सबसे ज्यादा चर्चा राजपाल सिंह शेखावत और नरपत सिंह राजवी के टिकट कटने की है. हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अभी चुप्पी साध रखी है.

अब निगाहें राजे खेमे के कई नेताओं पर है. इन नेताओं की भी धड़कनें बढ़ी हुई है, कयास लगाए जा रहे हैं कि पूर्व सीएम के करीब होने की सजा इन नेताओं को मिल सकती है. राजे खेमे की फेहरिस्त भी लंबी है. जिनमें पूर्व मंत्री यूनूस खान, अशोक परनामी, कालीचंद सराफ, प्रह्लाद गुंजल, अरूण चतुर्वेदी, अशोक लाहोटी समेत कई लोगों के नाम शामिल हैं.

अब सवाल यही है कि क्या बीजेपी की अगली सूची में भी वसुंधरा समर्थकों के टिकट काट दिए गए तो पूर्व मुख्यमंत्री चुप रह जाएंगी? कहा जा रहा है कि वसुंधरा ने अपने समर्थकों को चुनाव में जुटने का संदेश दे दिया है. ऐसे में इन समर्थकों को पार्टी मौका नहीं मिलता है तो वे निर्दलीय मैदान में उतर सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो पार्टी को इसका बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.

जयपुर, हाड़ौती से लेकर मेवाड़-वागड़ तक पड़ेगा असर?

हाड़ौती में राजनीति करने वाले प्रहलाद गुंजल के अलावा भवानी सिंह राजावत को भी राजे का खास माना जाता है. साथ ही तलवार जयपुर के सांगानेर में मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी पर भी है. उन्हें पार्टी ने वर्ष 2008 में सिविल लाइंस से टिकट दिया था, लेकिन वे हार गए थे. बाद में उन्हें वर्ष 2018 में सांगानेर से टिकट दिया और वे जीते.

दूसरी ओर, किशनपोल से पिछला चुनाव हार चुके और तीन बार के विधायक मोहन लाल गुप्ता का टिकट भी दांव पर है. वहीं, मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ 8 बार जीत हासिल कर चुके हैं. लेकिन इस बार उम्र को लेकर पार्टी के पैमाने पर वह खरे उतरते नहीं दिख रहे हैं. करीब 71 वर्ष के हो चुके सराफ राजे के विश्वसनीय माने जाते हैं. जयपुर से ही एक नाम अशोक परनामी का भी है. पूर्व सीएम के विश्वस्त रह चुके परनामी भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष भी रहे हैं.

ना सिर्फ ढूंढार या हाड़ौती, बल्कि वसुंधरा राजे पार्टी की अकेले नेता जिनकी लोकप्रयिता वागड़-मेवाड़ तक है. साथ ही देवी सिंह भाटी की पार्टी की वापसी के बाद मारवाड़ में भी उन्होंने सभा करके बता दिया कि वह चारों दिशाओं में परचम लहराने की कोशिश में हैं.  

ये नेता बीजेपी के वोटबैंक में लगाएंगे सेंध?

वहीं, झोटवाड़ा के पूर्व विधायक राजपाल सिंह शेखावत का टिकट कटने की भी चर्चाएं है. इसे लेकर शेखावत ने प्रतिक्रिया देते हुए इशारों ही इशारों में मोदी सरकार पर निशाना साध दिया. उन्होंने यहां तक कह दिया कि मुझे ईडी-सीबीआई से डर नहीं लगता.

जबकि भरतपुर की नगर सीट से उम्मीदवार अनिता सिंह गुर्जर ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर निराशा जाहिर की है. टिकट कटने के बाद उन्होंने यहां तक कह दिया ‘वसुंधरा राजे के कैंप का मानकर मुझे बीजेपी ने अपने से दूर किया है और ऐसा टिकट दिया है जिसकी जमानत जब्त होगी.’ साथ ही उन्होंने बागी होकर चुनाव लड़ने का भी इशारा कर दिया और ट्वीट में कहा कि हजारों की संख्या में फोन आ रहे हैं कि मुझे चुनाव लड़ना चाहिए. जिसके बाद गुर्जर ने चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर दिया.

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