Rajpal Shekhawat withdrew nomination after talking to Amit Shah: राजस्थान की सियासत (rajasthan election 2023) में फिर अमित शाह (amit shah) के एक कॉल का कमाल गुरुवार को देखने को मिला. वसुंधरा गुट के कहे जाने वाले राजपाल शेखावत ने टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय पर्चा भरा था. 9 नवंबर को नाम वापसी की आखिरी तारीख थी. झोटवाड़ा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बीजेपी सांसद राज्यवर्धन राठौड़ का खेल खराब होते देख गृहमंत्री शाह ने अपनी फिल्डिंग जमाई.
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राजे के खास राजपाल (rajpal shekhawat) को अमित शाह (amit shah) ने फोन किया और वे मान गए. उन्होंने झोटवाड़ा सीट से अपना नामांकन वापस ले लिया है. टिकट नहीं मिलने से नाराज शेखावत और उनके समर्थक राज्यवर्धन राठौड़ के लिए लगातार चुनौती बनते जा रहे थे. जिस राजपाल शेखावत ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ ताल ठोंकी थी वही अब नामांकन वापस लेने के बाद राजस्थान में बीजेपी की सरकार के आने का दावा कर रहे हैं.
राजस्थान तक से खास बातचीत में राजपाल शेखावत ने बताया कि पार्टी नेतृत्व से बातचीत हुई. पार्टी में उनका क्या रोल होगा इसको लेकर चर्चा हुई. राजस्थान में जब तक भाजपा की सरकार नहीं आती है तब तक ना पेपर लीक से मुक्ति मिलेंगी, ना महिला अत्याचार और ना ही भ्रष्टाचार से. टिकट कटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजनीती में चुनाव महत्वपूर्ण है, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण राजस्थान में परिवर्तन है. उसमें मुझे रॉल प्ले करना चाहिए.
निर्दलीय के रूप में नामांकन से पहले राजे से हुई थी बात
राजपाल ने कहा कि नामांकन से पहले भी केंद्रीय नेताओं और वसुंधरा राजे से चर्चा हुई थी. वसुंधरा के खास नेताओं के टिकट कटने पर राजपाल ने कहा कि वसुंधरा राजे इतनी छोटी नेता नहीं है कि केवल उनके राइट लेफ्ट ही हैं. बल्कि पूरा राजस्थान भरा हुआ है. वह राजस्थान की नेता हैं. वहीं राजपाल ने कुछ महीनों पहले राजस्थान तक के एक इंटरव्यू में वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी पहली पसंद बताया था. उसी बयान पर उन्होंने फिर कहा कि वसुंधरा राजे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और दो बार की मुख्यमंत्री रही हैं तो उन्हें नेता नहीं मानू तो किसको मानू. हालांकि झोटवाड़ा विधानसभा पर किसकी जीत होगी इस पर उन्होंने अलग अंदाज में कहा कि राजस्थान में भाजपा की जीत होगी और झोटवाड़ा राजस्थान से अलग थोड़े ही है.
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