Rajasthan Assembly Election 2023: कांग्रेस संगठन में चल रहे बदलावों के बीच सह प्रभारियों के जिलों में कुछ बदलाव किया गया है. तीनों सहप्रभारियों के जिलों में फेरबदल के आदेश 13 मई देर रात को जारी हुए. इनमें कुछ सह प्रभारी को राहत दी गई तो कुछ के जिलों की संख्या में इजाफा किया गया है. इससे पहले 30 अप्रैल को तीनों सहप्रभारी अमृता धवन, वीरेंद्र सिंह राठौर और काजी निजामुद्दीन को 11-11 जिलों का प्रभारी बनाया गया था. लेकिन अब इनमें बदलाव किया गया है.
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13 मई को जारी किए आदेशों में सहप्रभारी अमृता धवन को दिए गए जिलों में कुछ जिले कम किए गए हैं. वहीं एक दिन पहले दिल्ली में प्रभारी, सहप्रभारी और पीसीसी चीफ के बीच मीटिंग हुई थी. इस दौरान राजस्थान के घटनाक्रम पर भी चर्चा की गई थी.
अमृता धवन को मिली राहत
दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष और राजस्थान की नई सहप्रभारी अमृता धवन को महत्वपूर्ण जिलों की कमान सौंपी गई है. अमृता को पहले 11 जिलों का प्रभार दिया गया था लेकिन अब उनका भार कम कर दिया गया है, अब उनको केवल 8 जिलों का प्रभार दिया गया है, इनमें जयपुर अलवर, दौसा, टोंक, अजमेर, धौलपुर, करौली और भरतपुर शामिल है. वहीं सवाई माधोपुर, बूंदी और कोटा जिलों का प्रभार काजी मोहम्मद निजामुद्दीन को दिया गया है.
वीरेंद्र सिंह राठौर का दिए गए सबसे ज्यादा जिले
वीरेंद्र सिंह इससे पहले गुजरात में सह प्रभारी रह चुके हैं, इनको पहले 11 जिलों का प्रभार सौंपा गया था लेकिन अब इनका भार और बढ़ा दिया गया है. अब राठौर को बारां, झालावाड़, प्रतापगढ़, राजसमंद, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, उदयपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, जालौर, पाली और सिरोही जिले सौंपे गए हैं. पहले की तुलना में इन्हें 3 जिले को अधिक प्रभार दिया गया है, पहले इनके पास श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, झुंझुनूं, चूरू, नागौर, अजमेर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर और पाली जिले की जिम्मेदारी दी गई थी.
काजी निजामुद्दीन का मिले यह जिले
काजी निजामुद्दीन उत्तराखंड जिले से आते हैं, वह विधायक भी रह चुके हैं, काजी पिछले चुनाव में भी सह प्रभारी सचिव रहे हैं. अब इनको चूरू, बीकानेर, हनुमानगढ़, श्री गंगानगर, सीकर, झुंझुनू, नागौर, भीलवाड़ा, कोटा, बूंदी और सवाई माधोपुर की जिम्मेदारी सौंपी गई है, इससे पहले 30 मई को इनको बांसवाड़ा, डूंगरपुर, जालोर, प्रतापगढ़, सिरोही, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, झालावाड़, राजसमंद व उदयपुर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
22 अप्रैल को नियुक्ति किए गए थे 3 सहप्रभारी
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को आगामी चुनावों को देखते हुए 3 नए प्रभारी को नियुक्ति दी गई थी. राजस्थान में संगठन और नेताओं के बीच सामंजस्य बनाने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने अलग-अलग राज्यों के नेताओं को यह नियुक्ति दी गई थी लेकिन अब इन प्रभारियों के जिलों में बदलाव किया गया है.
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