Rajendra Rathore vs Shanti dhariwal: विधानसभा की कार्रवाई में बहस के दौरान फोन टेपिंग और सचिन पायलट का मामला गूंज उठा. संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल और राजेंद्र राठौड़ ने एक-दूसरे पर वार-पलटवार किए. जब धारीवाल ने कहा कि उन बातों को याद मत दिलाओ, याद दिलाओगे तो फंस जाओगे, फंसे पड़े हो. जिस पर राठौड़ ने पलटवार करते हुए कहा कि सचिन पायलट पर कैसे मुकदमा करवाया आपने? उनको आप पास लेकर बैठे हो. पायलट पर राजद्रोह का मुकदमा करवाते हो और हमसे आंख लड़ाते हो.
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दरअसल, विधानसभा में संगठित अपराधों पर नियंत्रण विधेयक (राकोका) पर बहस हो रही थी. इसी दौरान नेता प्रतिपक्ष राठौड़ और धारीवाल ने आपस में तंज कसे. धारीवाल ने फोन टेपिंग का जिक्र किया और कहा कि फोन टेपिंग का तो बड़ा लंबा किस्सा है. कई बार कह चुके हैं कि उन बातों को याद मत दिलाओ, याद दिलाओगे तो फंस जाओगे, फंसे पड़े हो.
इसी मुद्दे पर पलटवार करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने तंज कसा कि आप चार-चार टेप लेकर आए थे, कहां से आए थे वो टेप? कैसे करवा दिया था मुकदमा. पायलट पर आपने कैसे मुकदमा करवाया? उनको आप पास में लेकर बैठे हो. पायलट पर राजद्रोह का मुकदमा करवाते हो और हमसे आंख लड़ाते हो.
जब धारीवाल ने कहा कि भारतीय टेलीग्राफ एक्ट के प्रावधानों को सुप्रीम कोर्ट ने भी लीगल माना है. तो राठौड़ ने उन्हें टोका और कहा कि फोन टैपिंग को लेकर हाईकोर्ट का लेटेस्ट फैसला आपकी सरकार के खिलाफ गया है. शशिकांत वाले मामले में रेवेन्यू बोर्ड में आपने फोन टेप करवाए थे. इसी आधार गिरफ्तारियां हुई. राठौड़ ने कहा कि आईजी को सक्षम अथॉरिटी मानकर आपने फोन टैप करवाए थे, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे सबूत मानने से ही इनकार कर दिया है.
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