अमित शाह के बाद मोदी भी देने लगे राजे को तवज्जो! सासंदों की मीटिंग में वसुंधरा को बुलाने के क्या हैं मायने?

Vasundhara Raje attended the meeting of MPs: राजस्थान (Rajasthan News) में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में सीएम फेस की लड़ाई अंदरखाने ही तेज हो गई है. पार्टी में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) का खेमा जहां लगातार खुले तौर पर उन्हें प्रोजेक्ट करने की मांग करता है. वहीं, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, […]

Rajasthantak
follow google news

Vasundhara Raje attended the meeting of MPs: राजस्थान (Rajasthan News) में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में सीएम फेस की लड़ाई अंदरखाने ही तेज हो गई है. पार्टी में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) का खेमा जहां लगातार खुले तौर पर उन्हें प्रोजेक्ट करने की मांग करता है. वहीं, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ समेत सीएम दावेदारों की एक लंबी फेहरिस्त है.

इन सबके बीच सांसद की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने वसुंधरा राजे को बुलाकर हर किसी को चौंका दिया. दरअल, पीएम मोदी ने 8 अगस्त को प्रदेश के सांसदों को दिल्ली बुलाया था. मंगलवार को हुई इस बैठक में वसुंधरा राजे के साथ रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की मौजूदगी को लेकर भी चर्चा चल रही है.

जानकारी के मुताबिक आगामी विधानसभा-लोकसभा चुनावों को लेकर पीएम मोदी ने प्रदेश के सांसदों से चर्चा की. खास बात यह है कि राजे को पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाने के बाद राजस्थान की यह पहली मीटिंग थी. जिसमें वसुंधरा राजे मौजूद रहीं. इससे पहले भी उदयपुर में जनसभा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राजे को तवज्जों देते हुए उनका भाषण करवाया था. हालांकि

दूसरी ओर, मोदी की जनसभा में वसुंधरा राजे के हाव-भाव बदले हुए नजर आने से अलग ही कयास लग रहे थे. लेकिन अब मोदी की बैठक में उनकी मौजूदगी को लेकर कयास लगाया जा रहा है कि दोबारा मुख्यमंत्री फेस के लिए राजे के नाम पर मुहर लगेगी या उनके अनुभव के आधार पर बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है.  इधर, पूर्व मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे भी बढ़ गए है. जब जयपुर में बीजेपी का ‘नहीं सहेगा राजस्थान’ कार्यक्रम के दौरान भी राजे ने दूरी रखी. कहा गया कि ऐन मौके वह दिल्ली चली गई थी. जबकि दो बार की सीएम अपनी अलग सभा कर भीड़ जुटाती है.

यह है राजे का रिकॉर्ड

दरअसल, राजे ही राजस्थान की एक मात्र नेता है जो किसी लोकसभा क्षेत्र से पांच बार स्वयं सांसद रही हैं. साथ ही अपने करियर में केन्द्र सरकार में मंत्री, दो बार प्रदेशाध्यक्ष के अलावा नेता प्रतिपक्ष भी रह चुकी है. वर्तमान में वह झालावाड़ की झालरापाटन सीट से पांचवीं बार विधायक हैं. उनके संसदीय निर्वाचन क्षेत्र रहे झालावाड़-बारां से वर्तमान में उनके पुत्र दुष्यंत सिंह लगातार चौथी बार सांसद हैं. जाट, गुर्जर, राजपूत समेत तमाम जातिगत समीकरण के लिहाज से भी उन्हें काफी अहम माना जाता है. संभावना जाहिर की जा रही है कि मोदी राजे के इसी अनुभव का लाभ उठाना चाहते हैं.

वैष्णव को लेकर भी चर्चा तेज!

वहीं, अगर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की बात करें तो उन्हें लेकर भी राजस्थान के चुनावी कैंपेन से जोड़कर देखा जा रहा है. पाली के रहने वाले वैष्णव ओबीसी वर्ग से आते हैं. जो राजस्थान में सबसे बड़ा वोट बैंक है. बीजेपी प्रदेश की इस 55-60 फीसदी आबादी पर भी फोकस कर रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि वह ओड़िशा से राज्यसभा सांसद है, लेकिन बावजूद इसके उन्हें राजस्थान की मीटिंग में बुलाया गया. गौरतलब है कि वैष्णव पिछले एक साल में 5 बार राजस्थान का दौरा कर चुके हैं. इससे पहले 19 मार्च को जयपुर में जब ब्राह्मण महापंचायत सम्मेलन हुआ था, तो वैष्णव उस में मुख्य अतिथि थे और उन्होंने भगवान परशुराम पर एक डाक टिकट भी जारी किया था.

    follow google newsfollow whatsapp