Rajasthan Politics: सीएम गहलोत शनिवार को महंगाई राहत कैम्प एवं प्रशासन गांवों के संग अभियान का अवलोकन करने नागौर जिले में पहुंचे. इस दौरान नावां गांव में उन्होंने एक जनसभा को भी संबोधित किया. इस दौरान सीएम ने अपने और वसुंधरा राजे के बीच संबंधों को लेकर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि हमारे संबंध कभी ठीक नहीं रहे. इस दौरान गहलोत ने अपने द्वारा करवाए गए कार्यों का भी ज्रिक किया. गहलोत ने बताया कि मैंने मंहगाई, बेरोजगारी, भाईचारे, अमीर-गरीब के बीच की खाई को ध्यान में रखकर बजट बनाया है.
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युवाओं के हित में किए गए कार्य गिनवाए
सीएम गहलोत ने कहा प्रदेश में युवाओं को नौकरियां दी जा रही है, डेढ़ लाख नौकरियां लग चुकी है. सवा लाख नौकरियां की परीक्षाएं और इंटरव्यू चल रहे हैं. बजट में 1 लाख भर्ती की घोषणा की है. नौकरियों के लिए प्रयास कर रहे हैं, मंहगाई के लिए राहत शिविर लगा रहे हैं. छात्रों को फ्री कोचिंग, विदेश में फ्री एजुकेशन दी जा रही है. सीएम ने कहा हमारा प्रयास है कि परिवार का खर्चा कैसे बचे. हमने बड़ी-बड़ी योजनाएं लागू की है, चिंता करने की जरूरत नहीं है.
सीएम ने की वसुंधरा राजे के नागौर दौरे की चर्चा
सीएम ने इस दौरान वसुंधरा राजे के दौरे को लेकर भी तंज कसा, उन्होंने कहा कि मैंने सुना है वसुंधरा जी भी यहां आई थी. वह बिना काम किए श्रेय ले रही हैं. सीएम ने कहा कि उनकी सोच और मेरी सोच में दिन रात का फर्क है.
वसुंधरा राजे के साथ सांठगांठ पर खुलकर बोले सीएम गहलोत
सीएम गहलोत ने अपने धौलपुर में दिए बयान की चर्चा की. उन्होंने कहा कि मैंने अभी एक बात कह दी थी कि हमारी सरकार को बचाने में वसुंधरा जी और कैलाश मेघवाल का सहयोग रहा. उसका लोगों ने गलत अर्थ निकाल लिया. उन्होंने फिर से शेखावत सरकार का ज्रिक करते हुए कहा कि जब उनकी पार्टी के लोग सरकार गिरा रहे थे और मैं उस वक्त कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष था,मैंने तो किस्सा बताया था, मैं नाम नहीं लूंगा, लेकिन बीजेपी के लोग आए थे. उन्होंने कहा था कि आप हमारा साथ दो मुख्यमंत्री बदल देंगे. इस पर मैंने कहा- मैं इस काम में साथ नहीं दूंगा. बलिराम भगत राज्यपाल थे उनको ये बात मालूम थी. सीएम ने कहा कि महाराष्ट्र में, मध्यप्रदेश में, कर्नाटक में, सरकारें होर्स ट्रेडिंग करके बदली गई हैं. बीजेपी के पास पैसों की कमी नहीं है, वह 10-10, 25-25 करोड़ रुपए दे रहे हैं.
सीएम गहलोत बोले- मेरी सरकार बचने वाली नहीं थी, बड़े-बड़े सौदे हुए थे
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी सरकार को आप लोगों की दुआओं से बच गई है. मेरी सरकार बचने वाली नहीं थी, लेकिन आप सभी के सहयोग से मेरी सरकार बच गई, बड़े-बड़े सौदे हुए थे. उस वक्त कैलाश मेघवाल ने स्टेटमेंट दिया कि राजस्थान में पंरपरा नहीं रही है, उनको भैरोसिंह शेखावत वाला किस्सा मालूम था, वह उनके खास थे. उन्होंने कहा था कि हमारे यहां पंरपरा नहीं रही कि विधायकों को पैसा देकर सरकार पलट दें.
इशारों में किया बीजेपी विधायक शोभारानी का ज्रिक
सीएम गहलोत ने कहा मुझे भी एक विधायक ने यह कह दिया कि वसुंधरा राजे भी यही कह रही हैं, अपने यहां ऐसी पंरपरा नहीं रही. इतनी सी बात थी. मैंने धौलपुर में इसका ज्रिक कर दिया. मैंने यह बात सुनी थी. सीएम ने कहा कि वसुंधरा जी ने मुझसे आकर नहीं कहा कि मैं आपकी सरकार बचा रही हूं. मेरे बयान से ऐसा माहौल बना दिया है कि वसुंधरा राजे और गहलोत मिले हुए हैं.
15 वर्षों में 15 मिनट बातचीत नहीं हुई
गहलोत ने कहा आप मुझे बताओ हमारी 15 वर्षों में 15 मिनट बात नहीं हुई है. हमारे टॉकिंग टर्म नहीं थे. उनके राजेंद्र राठौड़ जैसे लोग एडवाइजर थे. वो चाहते ही नहीं थे कि मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के संबंध अच्छे रहे. मेरे और वसुंधरा जी के संबंध कभी ठीक नहीं रहे. दुआ-सलाम के भी नहीं रहे, अभी लोगों ने भड़का दिया, ऐसे लोग बड़े खतरनाक होते हैं.
1998 में 156 सीटें लाया लेकिन कभी घमंड नहीं किया
सीएम ने कहा कि मैं 1998 में पहली बार सीएम बना. भैरोसिंह शेखावत 1952 के नेता थे, वह 32 पर आ गए थे, मैं 156 लेकर आया था. मैंने कभी नहीं कहा मैं लेकर आया. मैंने कभी घमंड नहीं किया मैं 156 सीट लेकर आ गया. जब भैंरोसिंह सीएम नहीं रहे तब भी मैं शपथ लेकर उनके घर गया, उनसे मिलकर आया. मैंने कहा भैरोसिंह जी आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं है, आप निश्चित रहे, जो डॉक्टर आपको देख रहे हैं वह देखते रहेंगे. आप कहीं भी इलाज करवाओ मैं आपके साथ हूं. जब तक आप यहां सीएम निवास रहना चाहे रह सकते हैं, आप आराम से खाली कर देना. रामनिवास मिर्धा जी को भी जान से मारने की धमकी थी, मैंने पूरी सुरक्षा दी.
वसुंधरा राजे सीएम बनी तो खत्म हो गई पुरानी पंरापरा
सीएम ने कहा जब वसुंधरा सीएम बनी तो यह पंरपरा उनके सलाहकारों ने खत्म करवा दी, जो आज ये नेता प्रतिपक्ष बने बैठे हैं. ये भैरोसिंह शेखावत के खास शिष्य थे, लेकिन ये उनको ही धोखा देते थे. और ये वसुंधरा जी से चिपक गए, इन्होंने कभी बात नहीं करने दी.
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