राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री के बेटे ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने सीएम भजनलाल शर्मा को अपने पद से इस्तीफा सौंपा है. दरअसल, राजस्थान सरकार में कानून मंत्री जोगाराम पटेल के बेटे मनीष पटेल 5 महीने पहले ही अतिरिक्त महाधिवक्ता के पद पर नियुक्त हुए थे. सरकार ने इसी साल 12 मार्च को एक आदेश जारी कर राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर की मुख्य पीठ में अतिरिक्त महाधिवक्ता के पद नियुक्ति दी थी.
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उनके साथ एडवोकेट राजेश पंवार, महावीर बिश्नोई और मनीष पटेल को भी अतिरिक्त महाअधिवक्ता नियुक्त किया था. इस्तीफे के बाद मनीष पटेल ने कहा कि मैं अतिरिक्त महाधिवक्ता के पद पर सहज महसूस नहीं कर रहा था. इसलिए मैंने सीएम के पास जाकर इस्तीफा दे दिया है. हालांकि अभी तक इस्तीफा स्वीकार नहीं होने के कारण मनीष पटेल अतिरिक्त महाधिवक्ता का काम जोधपुर की मुख्य खंडपीठ में देख रहे हैं.
नियुक्ति को लेकर हो चुका है हंगामा
बता दें कि मनीष पटेल की नियुक्ति को लेकर राजस्थान विधानसभा में 5 अगस्त 2024 को हंगामा हुआ था. इसे राजनीतिक नियुक्ति बताते हुए कांग्रेस ने सवाल खड़े किए थे. इसी दौरान लाडनूं से कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को 6 महीने के लिए निलंबित भी कर दिया गया था. इसके विरोध में कांग्रेस विधायकों ने रातभर विधानसभा में धरना दिया गया था.
इस्तीफे के बाद अब मुकेश भाकर का रिएक्शन भी सामने आ गया है. सोशल मीडिया पर उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विधानसभा में जब मनीष पटेल का मुद्दा उठाया गया तो अध्यक्ष ने विपक्ष की आवाज दबाने के उद्देश्य से मेरे खिलाफ कार्यवाही की. लेकिन आज सरकार को झुकना पड़ा और मंत्री को अपने बेटे से इस्तीफा दिलवाना पड़ा. सत्य को दबाने के लिए कितने भी षडयंत्र करो दबा नहीं सकते हैं. हालांकि इस्तीफा होने के बाद कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने मीडिया से कहा कि उसका खुद का वकालात का दायरा हैं. इस दौरान उसका काम प्रभावित होता होगा तो सीएम से मिलकर इस्तीफा दिया होगा।
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