Survey about Ashok gehlot’s work: राजस्थान विधानसभा चुनाव (rajasthan assembly election) के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने टिकट जारी करने शुरू कर दिए हैं. एक महीने बाद होने वाले चुनाव के लिए अब धीरे-धीरे तस्वीर साफ होने लगी है. वहीं, कई सर्वें में बीजेपी को बढ़त लेते हुए बताया है. दूसरी ओर, कई सर्वे के मुताबिक कांग्रेस भी मजबूत टक्कर देगी. ऐसा ही एक सर्वे इंडिया टीवी-INX का सामने आया है, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ashok gehlot) के कामकाज से लेकर सरकार रिपीट होने से संबंधित कई सवाल पूछे गए हैं. सर्वें की मानें तो कांग्रेस को इस चुनाव में काफी नुकसान हो सकता है. इस रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी को 125 सीटें और कांग्रेस को 72 सीट मिलने का अनुमान जताया गया है.
ADVERTISEMENT
वहीं, कामकाज की बात करें तो लोग स्थानीय विधायक के काम से ज्यादा नाखुश है. कुल 50.18 फीसदी वोटर्स ने गहलोत सरकार के काम को 0-4 अंक दिए. जबकि 38.9 प्रतिशत ने 8-10 अंक और 10.92 प्रतिशत ने 5-7 का अंक दिए.
जब विधायकों के काम से जुड़ा सवाल पूछा गया तो 42.18 प्रतिशत ने कहा कि वे अपने स्थानीय विधायक के काम से नाखुश हैं. जबकि 25.53 प्रतिशत ने विधायक के काम से संतुष्टि जाहिर की. वहीं, 20.18 प्रतिशत का कहना है कि वह अपने स्थानीय विधायक के काम से पूरी तरह खुश हैं.
कांग्रेस और बीजेपी में किस सरकार का काम बेहतर?
ये पूछे जाने कि किस पार्टी की सरकार ने प्रदेश में बेहतर काम किया. इसके जवाब में पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार को ज्यादा बेहतर बताया. पिछली बीजेपी सरकार के पक्ष में 47 फीसदी लोग खड़े दिखाए दिए. जबकि 40.12 प्रतिशत वर्तमान की कांग्रेस सरकार को बेहतर बताया. इसके अलावा 52.18 फीसदी लोगों का मानना है कि बीजेपी की कल्याणकारी योजनाएं अच्छी रही है. वहीं, 40.27 फीसदी ने इस मामले में कांग्रेस के पक्ष में वोट किया.
जातिगत जनगणना पर भी क्या है राय?
चुनाव से ऐन मौके पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जातिगत जनगणना का ऐलान कर दिया. जिसके बाद कांग्रेस इसे मास्टर स्ट्रोक बताने में जुटी हुई है. सर्वे के मुताबिक 71 प्रतिशत OBC वोटर्स जातिवार जनगणना सर्वे के पक्ष में है. लेकिन 20.52 फीसदी OBC वोटर्स ने इसका विरोध किया. इसके अलावा चुनाव के मुख्य मुद्दों में 21.05 फीसदी लोगों ने बेरोजगारी को मुख्य मुद्दा बताया. जबकि 18.51 प्रतिशत लोगों के लिए महंगाई, 18.42 फीसदी लोगों के लिए कानून-व्यवस्था और 16.51 फीसदी लोगों के लिए विकास अहम मुद्दा है.
ADVERTISEMENT