Paper Leak: राजस्थान में पेपर लीक मामले पर विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने धरने पर बैठे राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा पर कटाक्ष किया. जिसके बाद किरोड़ीलाल मीणा ने भी पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री पर प्रदर्शन करने के लोकतांत्रिक अधिकार को छीनने का आरोप लगाया है. साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री कार्रवाई की बजाय क्लीन चिट बांट रहे हैं.
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बीजेपी से राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि खुद को गांधीवादी कहने वाले मुखिया को इस बात पर भी आपत्ति है कि मैं पेपर लीक के मामलों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर छात्रों के साथ धरने पर क्यों बैठा हूं. पेपर लीक माफिया को बचाने की जिद में मुख्यमंत्री प्रदर्शन करने के लोकतांत्रिक अधिकार को भी छीन लेना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि, मैंने RPSC के तत्कालीन बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारौली के खिलाफ पुख्ता सबूत दिए थे, लेकिन सरकार ने बर्खास्त कर छोड़ दिया. वहीं एसओजी के अधिकारी मोहन पोसवाल के खिलाफ भी सबूत दिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की. यह पेपर लीक माफिया से सरकार की साठगांठ की ओर इशारा करता है. यहीं वजह है कि मुख्यमंत्री कार्रवाई की बजाय क्लीन चिट बांट रहे हैं.
पेपर लीक प्रकरण की जांच सीबीआई से करवाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि पेपर लीक की तह तक जाने के लिए सीबीआई जांच ही एकमात्र विकल्प है, क्योंकि सरकार के मंत्री, विधायक और अधिकारी इसमें लिप्त है. इन्हें जानबूझकर पकड़ा नहीं जा रहा, क्योंकि ऐसा हुआ तो कांग्रेस सरकार की पोल खुल जाएगी. इस रवैये से आक्रोशित युवा हिसाब चुकता करने के लिए तैयार बैठे हैं.
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