बीजेपी के केंद्रीय मंत्री का कट सकता है टिकट, कई दावेदारों के बीच संघ से जुड़ा ये नाम भी आ गया सामने

विमल भाटिया

• 03:16 AM • 11 Feb 2024

भागीरथ चौधरी ने कहा कि वे भी एक साधारण कार्यकर्ता हैं और प्रजातंत्र में उन्होने भी दावेदारी बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र के लिए की हैं. प्रोफाइल मैंने अपनी पार्टी को भिजवाया हैं. बीजेपी अपने सर्वे के आधार पर यह तय करेगी कि किसको टिकट दिया जाना हैं.

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Kailash chaudhary: राजस्थान के बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र में इस बार लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी का चेहरा बदलने की मांग उठ रही है. इस सीट से सांसद और केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के टिकट कटने की चर्चा है. इसमें भागीरथ चौधरी भी एक दावेदार है.इसे लेकर कई नए दावेदार भी सामने आ चुके हैं. अब इसमें एक नाम संघ से जुड़े एक सदस्य का भी सामने आ रहा है. इन्होंने हाल ही में बीजेपी ज्वॉइन की है. यह नाम है भागीरथ चौधरी का. बीजेपी ज्वॉइन करने के बाद इन दिनों लगातार जैसलमेर-बाड़मेर के दौरे कर आमजन से अपना संकर्प साध रहे हैं. राजस्थान तक से खास बातचीत में उन्होने बताया कि राजस्थान में जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक भाजपा के साधारण कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री का दायित्व सौंप कर जो संदेश दिया हैं, उससे साफ है कि एक साधारण कार्यकर्ता बीजेपी में किसी भी जिम्मेदारी को निभा सकता है.

चौधरी ने कहा कि वे भी एक साधारण कार्यकर्ता हैं और प्रजातंत्र में उन्होने भी दावेदारी बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा (loksabha election 2024) क्षेत्र के लिए की हैं. प्रोफाइल मैंने अपनी पार्टी को भिजवाया हैं. बीजेपी (bjp) अपने सर्वे के आधार पर यह तय करेगी कि किसको टिकट दिया जाना हैं.

डबल इंजन की सरकार से तेजी होंगे विकास कार्य

उन्होने बताया कि वर्तमान सांसद कैलाश चैधरी के कार्यकाल में जितनी उम्मीद थी उतने संभवतः काम नहीं हो पाए हैं. उसके पीछे सबसे बड़ा कारण था कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार थी. कांग्रेस सरकार ने केंद्र सरकार की योजनाओं को ना तो लागू किया और जो पैसा योजनाओं पर आवंटित हुआ उसको खर्च भी नहीं कर पाई. लेकिन प्रदेश में बीजेपी की सरकार हैं. अब डबल इंजन की सरकार होने से राजस्थान में विकास कार्य तेजी से हो पाएंगे और पुरानी रुकी हुई परियोजनाऐं पूरी हो पाएंगी.

उन्होने कहा कि जैसलमेर एक विख्यात पर्यटन स्थल हैं और यहां रेल कनेक्टिविटी काफी जरूरी है. जैसलमेर-बाड़मेर होते हुए काड़ला तक एक जैसलमेर भाभर रेल प्रोजेक्ट का सर्वे हो गया था, लेकिन 10 साल बीत जाने के बावजूद भी इसका बजट आवंटन ना होने के कारण यह प्रोजेक्ट मूरत रुप नही ले सका. आज जैसलमेर-बाड़मेर के कई लोग दक्षिण में रहते हैं. यह रेल प्रोजेक्ट उनके लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता हैं.

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