भरतपुर-धौलपुर के जाटों ने सरकार को दी चेतावनी, इस तारीख से आरक्षण आंदोलन लेगा उग्र रूप!

Suresh Foujdar

18 Jan 2024 (अपडेटेड: Jan 18 2024 1:36 PM)

Rajasthan Jat Reservation Protest: केंद्र में ओबीसी में आरक्षण की मांग के लिए भरतपुर और धौलपुर जिलों के जाटों के आंदोलन (Rajasthan Jat Reservation Protest) महापड़ाव का आज दूसरा दिन था. जाट नेताओं का कहना है कि राम मंदिर स्थापना समारोह की वजह से 22 जनवरी तक आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से जारी है, लेकिन 23 […]

Rajasthan News Live: भरतपुर-धौलपुर के जाटों को आरक्षण देने के लिए सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला, जानें

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Rajasthan Jat Reservation Protest: केंद्र में ओबीसी में आरक्षण की मांग के लिए भरतपुर और धौलपुर जिलों के जाटों के आंदोलन (Rajasthan Jat Reservation Protest) महापड़ाव का आज दूसरा दिन था. जाट नेताओं का कहना है कि राम मंदिर स्थापना समारोह की वजह से 22 जनवरी तक आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से जारी है, लेकिन 23 जनवरी से आंदोलन उग्र होगा. मुंबई-दिल्ली रेलवे मार्ग से करीब 300 मीटर की दूरी पर महापड़ाव शुरू कर दिया है. जहां से सभी रेलवे मार्ग और सडकों को जल्दी ही जाम करने की चेतावनी जारी कर दी है. यह महापड़ाव जयचोली गांव में शुरू किया गया है. जहां आंदोलनकारियों के लिए खाने-पीने और ठण्ड से बचने के लिए इंतजाम किए गए हैं. वहीं, जाट आंदोलन को देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. इसके अलावा मुंबई-दिल्ली रेलवे मार्ग पर रेलवे पुलिस बल तैनात किया गया है.

भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया कि भरतपुर और धौलपुर जिले के जाटों को केंद्र में आरक्षण की मांग काफी पुरानी है. आज से महापड़ाव शुरू किया गया है, लेकिन कभी भी रेलवे मार्ग और नेशनल हाईवे पर जाम लगाने का फैसला समाज ले सकती है.

क्या है इस आंदोलन की पूरी कहानी?

समिति का कहना है कि अभी हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण चल रहा है, लेकिन सरकार ने नहीं सुनी तो कुछ भी हो सकता है. आरक्षण की यह मांग 1998 से की जा रही है. साल 2013 में केंद्र के मनमोहन सरकार ने भरतपुर-धौलपुर जिलों के साथ 9 राज्यों के जाटों को आरक्षण दिया था. जब 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेकर 10 अगस्त 2015 को भरतपुर-धौलपुर के जाटों का केंद्र और राज्य में ओबीसी आरक्षण खत्म कर दिया गया था.

राज्य ने की मांग पूरी, लेकिन केंद्र ने की सुनवाई

लंबी लड़ाई लड़ने के बाद 23 अगस्त 2017 को राज्य में दोनों जिलों के जाटों को ओबीसी में आरक्षण दिया गया. लेकिन केंद्र में ओबीसी में आरक्षण की मांग हमारी तभी से जारी है. सितंबर 2021 को जब जाटों ने चक्का जाम का ऐलान किया था. तब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 28 दिसंबर 2021 को दोनों जिलों के जाटों को केंद्र की ओबीसी में आरक्षण देने के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश पत्र लिखा था. उसके बाद हम लोग दिल्ली ओबीसी कमीशन से भी मिले और केंद्र सरकार के मंत्री से भी मुलाकात की थी. बावजूद इसके अभी तक दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में आरक्षण नहीं दिया गया है.

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