Ashok Gehlot Vs Sachin Pilot: राजस्थान में वर्ष 2018 में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने के बाद से यहां की सियासत में गहलोत वर्सेज पायलट का मुद्दा चर्चा में है. इसी बीच कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश के बयान ने फिर मुद्दे को हवा दे दी है. पंजाब में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान प्रेस कांफ्रेंस में जयराम रमेश ने कहा कि खड़गे जी हमारे कांग्रेस अध्यक्ष, हमारे प्रभारी रंधावा जी और कई नेता कुछ हल ढूंढने में लगे हुए हैं. व्यक्तियों को छोड़िए. हमारे लिए संगठन सर्वोपरि है.
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राजस्थान की पॉलिटिकल क्राइसिस को लेकर पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए जयराम रमेश ने कहा- ‘भारत जोड़ो यात्रा में जो एकता-अनुशासन और एकजुटता खासतौर से राजस्थान में देखने को मिला है वो विश्वास दिलाता है कि कोई न कोई रास्ता निकाला जाएगा जो संगठन के लिए फायदेमंद होगा. व्यक्तियों को छोड़िए. संगठन सर्वोपरि है. जो रास्ता खड़गे जी, रंधावा जी और सभी नेता ढूंढ निकालेंगे वो कांग्रेस को राजस्थान में मजबूत करेगा. व्यक्ति आएंगे और जाएंगे. राहुल जी ने साफ कहा है कि दोनों व्यक्ति हमारी पार्टी के लिए संपत्ति हैं.’
गौरतलब है कि एक निजी टीवी चैनल के इंटरव्यू में गहलोत ने पायलट को गद्दार कहा तो राजस्थान की सियासत गर्म हो गई. इस दौरान भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश में थी. तब प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जयराम रमेश ने कड़ा रुख अपनाते हुए यहां तक कह दिया था कि संगठन के हक में कठोर फैसला भी लेना पड़ा तो लिया जाएगा. उनका कहना था कि अशोक गहलोत हमारे वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं. सचिन पायलट ऊर्जावान और युवा हैं. पार्टी को दोनों की जरूरत है. कुछ शब्द हैं जो सीएम की तरफ से इस्तेमाल किये गए हैं उस पर काम किया जाएगा.
हालांकि इस मामले में राहुल गांधी का बयान आया और उन्होंने दोनों नेताओं को एसेट बताया. इसके बाद जयपुर में पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल आए और दोनों नेताओं को अनुसाशन का पाठ पढ़ाया. राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मामले में चुप्पी रही. ये अलग बात है कि कहीं पायलट के पक्ष में नारे लगे तो कहीं पोस्टर वार से अंदरूनी फेसवार दिखा पर बयान थम गए.
भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान से जाने के बाद पायलट राहुल गांधी के साथ कदम-ताल मिला रहे हैं और गहलोत प्रदेश में कांग्रेस सरकार का आखिरी बजट पेश कर प्रदेश, विपक्ष और आलाकमान सभी को संदेश देना चाहते हैं कि वो ही जादूगर हैं और आगामी चुनाव में कांग्रेस पार्टी की जीत का मंत्रा भी उनके ही पिटारे में है. इस बीच जयराम रमेश का ये बयान कहीं न कहीं ये संकेत दे रहा है कि प्रदेश में चुनाव से ऐन पहले बड़ा बदलाव संभव है.
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