Maru Pradesh Rajasthan News: राजस्थान में चुनावी (Rajasthan Maru Pradesh News) सरगर्मी अपने चरम पर है. कांग्रेस (Rajasthan Congress) हो या बीजेपी (Rajasthan BJP) दोनों ही पार्टियों के लिए राजस्थान नाक का सवाल बन गया है. दोनों पार्टी किसी भी कीमत पर राजस्थान को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. गहलोत सरकार ने प्रदेश में नए जिले बनाए तो मोदी सरकार राजस्थान में मरुप्रदेश बनाने का मास्टर स्ट्रोक खेल सकती है. इसकी चर्चाएं तेज हो गई है. संसद के नए सत्र के साथ ही देश में तीन नए राज्यों के गठन पर मोहर लगा सकती है.
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क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है. राजस्थान के जिले बड़े हैं. एक जिले से दूसरे जिले की सीमा खासी दूर है. इसलिए प्रदेश के विकास को लेकर हमेशा से राजस्थान में नया प्रदेश बनाने की मांग उठती रही है. गहलोत सरकार ने राजस्थान में नए जिले बनाए. तो अब नए राज्य की आस भी जाग गई है.
पश्चिमी राजस्थान के बेहतर विकास के लिए उठी मांग
पश्चिमी राजस्थान के बेहतर विकास को लेकर नए जिलों की मांग लंबे समय से उठ रही है. ऐसे में केंद्र सरकार के विशेष सत्र के साथ ही देश में नए राज्य बनने की चर्चाएं होने लगी है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मरुप्रदेश के बारे में पहले बोल चुके हैं. तो प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि यह विशेष सत्र ऐतिहासिक और खास होगा. ऐसे में यह दावा किया जा रहा है कि जल्द ही अयोध्या, मुंबई और मरुप्रदेश के गठन को लेकर सरकार बड़ा फैसला ले सकती है. अगर मरुप्रदेश बनता है, तो इसमें राजस्थान के करीब 20 जिलों को शामिल किया जाएगा.
इन 20 जिलों को किया जा सकता है अलग
20 जिलों में श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू, डीडवाना, कुचामन, नीमकाथाना, नागौर, फलोदी, जैसलमेर, जोधपुर, जोधपुर ग्रामीण, बाड़मेर, बालोतरा, जालौर, सांचौर और सिरोही को शामिल करने की मांग उठ रही है. देश का 14.65% खनिज उत्पादन इसी क्षेत्र से होता है. देश की 27 प्रतिशत तेल और गैस की आपूर्ति भी इसी क्षेत्र से की जाती है. जनसंख्या की बात करें तो इस क्षेत्र में दो करोड़ 85 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं. जबकि क्षेत्र की साक्षरता 63 फ़ीसदी से ज्यादा है.
राजस्थान गठन के समय से उठ रही मांग
मरुप्रदेश की मांग राजस्थान में नई-नई है. सालों पहले जब राजस्थान का गठन हुआ उस समय से मरुप्रदेश की मांग उठ रही है. उस समय जोधपुर और बीकानेर स्टेट ने अलग से मरुप्रदेश बनाने की मांग रखी थी. इसका समर्थन तत्कालीन जोधपुर महाराज ने भी किया था. हालांकि अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर की सुरक्षा का हवाला देते हुए इस मांग को उसे वक्त खारिज कर दिया गया था. लेकिन साल 2000 में अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने जब देश में तीन नए राज्य बनाए. तो उस वक्त भी तत्कालीन उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत ने पत्र लिखकर मरु प्रदेश की मांग उठाई थी.
सोशल मीडिया पर कर रहा है मरु प्रदेश ट्रेड
सोशल मीडिया पर मरु प्रदेश ट्रेंड कर रहा है. सब तरफ इसकी बात होने लगी है. तो मोदी सरकार भी राजस्थान में मास्टर स्टॉक खेल सकती है. अगर राजस्थान में नया प्रदेश बनेगा. तो राजनीति का स्वरूप बदल जाएगा. ऐसे में देखना होगा की संसद के विशेष सत्र में क्या मोदी सरकार देश में नए राज्यों के गठन का फैसला ले पाती है.
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