Gehlot said Shekhawat is a time pass minister: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ashok gehlot) और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (gajendra singh shekhawat) के बीच अक्सर बयानबाजी सामने आती रहती है. संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव मामले में शेखावत पर बयान के बाद मामला दिल्ली कोर्ट तक जा पहुंचा और गहलोत के खिलाफ मानहानि केस (defamation case) में सुनवाई जारी है. वहीं, सीएम ने एक बार फिर केंद्रीय मंत्री पर हमला बोला और उन्हें टाइम पास मंत्री ही बता दिया.
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गहलोत ने कहा कि संजीवनी मामले में वह आरोपी हैं. उनके परिवार के सदस्यों का भी नाम भी शामिल है. मैंने बतौर गृहमंत्री यह बात कही थी. उनकी भूमिका एसओजी की जांच के घेरे में है. इसलिए मैंने नाम लिया. लेकिन उन्होंने मौन धारण कर रखा है.
जोधपुर में मीडिया से अनौपचारिक बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब मेरे पास एक ही रास्ता बचा है कि मैं प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहूं. हमारे डेढ़ लाख लोगों के रुपए अटके हुए हैं, वह इसमें कुछ करें. हमारे केंद्रीय मंत्री ने तो उल्टा मेरे ही खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करवा दिया. मैं इसका भी स्वागत किया कि अगर लोगों के रुपए निकालने के लिए मुझे जेल जाना पड़े तो भी मैं खुश हूं.
गहलोत ने शेखावत पर हमला करते हुए कहा कि जब इनको केंद्र में मंत्री बनने के साथ पोर्टफोलियो दिया तो उसके बाद एक मीटिंग में में दिल्ली में था. तब मैने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया कि यह पोर्टफोलियो तो हमारे प्रदेश के लिए वरदान है. मुझे इतनी उम्मीद नहीं थी कि इस तरह मंत्री लापरवाह निकलेंगे, वह तो पूरी तरह से टाइम पास मंत्री है. गहलोत ने कहा कि इस तरह के मामलों की जांच ईडी को करनी चाहिए. वह लोगों की प्रॉपर्टी को अटैच कर सकती है, लेकिन संजीवनी के मामले में ईडी आगे नहीं आ रही है.
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