Rajasthan Politics: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कर्नाटक चुनाव प्रचार में पीएम मोदी के बयान को लेकर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा- इलेक्शन कमीशन को पीएम मोदी के कैंपेन करने पर रोक लगा देनी चाहिए. ये तो मैं आपको ईमानदारी की बात कह रहा हूं. ऐसे ही नहीं कह रहा हूं चाहे तो आप कानून पढ़ लीजिए. कोई इलेक्शन के अंदर धार्मिक हिसाब से बात करेगा तो उसके ऊपर रोक लगती है. उसका चुनाव खारिज हो जाता है.
ADVERTISEMENT
सीएम गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री जो बोल रहे हैं वो तो खुलकर बोल रहे हैं. इशारा भी नहीं कर रहे हैं इसलिए उनके कैंपेन करने पर रोक लगनी चाहिए. इस दौरान उन्होंने भैरौसिंह शेखावत का किस्सा भी सुनाया जब धार्मिक बयानबाजी के चलते उनकी सीएम की कुर्सी गंवाने की नौबत आ गई थी. गौरतलब है कि कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि आजकल कोई भी मोदी को गाली दे रहा है, जब पोलिंग बूथ पर बटन दबाओ तो जय बजरंग बली बोलकर इन्हें सजा देना.
जाते-जाते बची थी भैरोसिंह शेखावत की कुर्सी
गहलोत ने धार्मिक बयानबाजी को लेकर पुराना किस्सा भी शेयर किया. उन्होंने कहा कि भैरोसिंह शेखावत मुख्यमंत्री बन गए थे. दो जगह से खड़े हुए थे गंगानगर और पाली से. गंगानगर से चुनाव हार गए थे और पाली से जीत गए थे. वहां पर राम मंदिर की बात करने लग गए. उनके खिलाफ याचिका दायर हुई थी. वो पीटीशन चलती रही और उनकी मेंबरशिप जा रही थी. जो आदमी गवाह देने जा रहा था पुलिस ने उसको बस से उतारकर ले गए. उस आदमी को समझाया और भैरोसिंह शेखावत बच गए.
कांग्रेस अध्यक्ष को ऐसे ही कोई धमकी नहीं दे सकता: गहलोत
मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए सीएम गहलोत ने कर्नाटक के बीजेपी नेता मणिकांत राठौड़ की वायरल ऑडियो क्लिप को लेकर भी निशाना साधा. वायरल क्लिप में वह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और उनके परिवार को जान से मारने की बात कह रहे हैं. गहलोत ने कहा कि इतनी बड़ी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर कोई ऐसा बयान देने की हिम्मत तभी कर सकता है जब उसे यह पता हो कि उसे बचा लिया जाएगा. गहलोत ने कहा कि हमने कर्नाटक के अंदर खुद महसूस किया है कि वहां पर 40 प्रतिशत कमीशन के बिना काम नहीं होता है.
ADVERTISEMENT