संजीवनी केस में गजेंद्र सिंह शेखावत की बढ़ेगी टेंशन! SOG ने माना आरोपी, हाईकोर्ट में रिपोर्ट हुई पेश

Ashok Sharma

16 Apr 2023 (अपडेटेड: Apr 16 2023 8:36 AM)

Sanjivani Credit Cooperative Society: संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी में घोटाले के आरोप में घिरे केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को राजस्थान हाई कोर्ट जोधपुर से राहत मिलने के बाद एसओजी व राज्य सरकार सक्रिय हो गई है और तत्काल हाईकोर्ट जोधपुर के आदेश में संशोधन के लिए प्रार्थना पत्र पेश कर दिया गया […]

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने वसुंधरा राजे को बताया अपनी नेता, गहलोत सरकार पर उठाए ये सवाल

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने वसुंधरा राजे को बताया अपनी नेता, गहलोत सरकार पर उठाए ये सवाल

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Sanjivani Credit Cooperative Society: संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी में घोटाले के आरोप में घिरे केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को राजस्थान हाई कोर्ट जोधपुर से राहत मिलने के बाद एसओजी व राज्य सरकार सक्रिय हो गई है और तत्काल हाईकोर्ट जोधपुर के आदेश में संशोधन के लिए प्रार्थना पत्र पेश कर दिया गया है. हाईकोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल जोशी के सहयोगी पल्लव शर्मा की ओर से 13 अप्रैल के आदेश में संशोधन के लिए प्रार्थना पत्र पेश करने के साथ ही कहा गया है कि एसओजी की पूरी तथ्यात्मक रिपोर्ट में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर आरोप प्रमाणित है.

एसओजी के जांच अधिकारी भी कोर्ट में मौजूद थे लेकिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी व सिद्धार्थ लूथरा ने पैरवी की तो तालमेल का अभाव रहा और ऐसे में यह रिपोर्ट राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर के समक्ष उजागर नहीं हो पाई. प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि एसओजी की तथ्यात्मक रिपोर्ट व केस डायरी में उजागर तत्वों को शामिल करें. क्योंकि मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ आरोप प्रमाणित है और आदेश को संशोधित कर जारी किया जाए.

एसओजी ने अपनी तथ्यात्मक रिपोर्ट में केंद्रीय मंत्री शेखावत पर आरोप प्रमाणित माना है. लेकिन सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ने आधे अधूरे तथ्य ही पेश किए थे, जिसमें कहा गया कि केंद्रीय मंत्री शेखावत के खिलाफ कोई प्रकरण दर्ज नहीं है और ना ही अनुसंधान में उन्हें अब तक आरोपी माना गया है तो गिरफ्तारी का सवाल ही नहीं उठता है. जिस पर राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर के जस्टिस कुलदीप माथुर ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.

अब स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने वरिष्ठ अधिवक्ता के इन तथ्यों को संशोधित करने के लिए तथ्यात्मक रिपोर्ट कार्ड में ऑनलाइन पेश की है. जिसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित अन्य के खिलाफ आरोप प्रमाणित माने हैं. पेश की गई तथ्यात्मक रिपोर्ट में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम बतौर आरोपी शामिल किया गया है.

रिपोर्ट में बताया कि गजेंद्र सिंह शेखावत एक कंपनी नवप्रभा बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड में 3 नवंबर 2005 से 10 मार्च 2014 तक डायरेक्टर पद पर रहे. कंपनी के शेयर की वास्तविक मूल्यांकन दर 31 मार्च 2012 को लगभग 50 रुपए प्रति शेयर थी, गजेंद्र सिंह शेखावत, इन्दु डाकलिया, डूंगर सिंह, नारायण सिंह, महेन्द्र चन्द जैन, मीना जैन, नीरू जैन, सोनू बाहेती, अशोक राठौड़, उषा कंवर, खेम कंवर, विनोद कंवर एवं राजेन्द्र बाहेती ने शेयरों को 500 रुपए प्रति शेयर की दर से क्रय-विक्रय किया, जो वास्तविक मूल्यांकन दर का लगभग दस गुणा है.

रिपोर्ट में बेचे गए शेयरों का हवाला दिया गया है व एक अन्य संबंध का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि नवप्रभा ने वर्ष 2015 में भवन निर्माण के लिए आरएफसी से 20 करोड़ रुपए का ऋण लिया था. इस ऋण के गारन्टर विक्रम सिंह इंद्रोई, विनोद कंवर, उषा कंवर के साथ गजेंद्र सिंह शेखावत भी थे, जबकि उस समय वे न तो कंपनी के निदेशक थे और न ही शेयर धारक, ऋण पत्रावली में प्रस्तुत शपथ पत्र में गारन्टी के तौर पर उम्मेद हेरिटेज के एक भूखंड का हवाला दिया गया है, जिसमें आरोप है कि शेखावत और विक्रम सिंह राठौड का संयुक्त मालिकाना हक दिखाया गया था. एसओजी ने एक अन्य कंपनी ल्यूसिट फार्मा प्राइवेट लिमिटेड से जोड़ते हुए भी शेखावत के शेयरों के लेन-देन का उल्लेख किया है.

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