Rajasthan Assembly Election 2023: पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पूरी तरह से सक्रिय हो चुकी हैं. राजस्थान के कई जिलों में लगातार दौरे करने के बाद अब वह जातिगत समीकरण पर भी काम करती दिख रही हैं. उन्होंने गुर्जर समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन में शिरकत कर समाज को एक बार फिर उनका संबंध याद दिलाया. उन्होंने कहा कि रिश्ता याद दिलाना पड़ता है. वहीं, गुर्जर महिलाओं के साथ गीत गाते हुए परंपरा निभाई.
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झालावाड़ के कंकरिया गांव में गुर्जर समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन में पारम्परिक गीत गा रही महिलाओं ने आग्रह किया तो पूर्व सीएम वसुन्धरा राजे उनके बीच जा बैठी. गुर्जर समाज की महिलाओं ने उनका पारम्परिक गीत से स्वागत किया. ’सण की संटी सण मे आगई,ब्याण वसुन्धरा गुर्जरा न भा गई…महिलाओं ने गीत गाए. वसुंधरा राजे ने रस्म अदायगी के तौर पर नेक में गुर्जर महिलाओं को चूड़ियां पहनाई.
राजे ने अपना भाषण देव नारायण भगवान कि जय के साथ शुरू करते हुए कहा कि गुर्जर समाज की समधन होने के नाते उन्हें समाज से नेक में कुछ चाहिए. समाज में जो भी व्याप्त कुरीतियां है, उन्हें त्यागने का वचन चाहिए. वहां उपस्थित गुर्जर समाज के लोगों ने हाथ खड़ा कर उनकी बात का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि गुर्जर समाज के साथ उनका जो रिश्ता है उसे कभी-कभी याद दिलाना दिलाना पड़ता है. उन्होंने इशारों ही इशारों में कहा दोनों तरफ रहने में फायदा नहीं, जो साथ दे उसके रहो.
सांसद दुष्यंत सिंह ने कहा कि उनकी पत्नी और गुर्जर समाज की बेटी निहारिका बीमार होने के कारण इस विवाह सम्मेलन में नहीं आ सकी. पूर्व विधायक प्रह्लाद गुंजल ने सामूहिक विवाह सम्मेलन के महत्व को बताया. इसके अलावा लोधा, मेहर और पाटीदार समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन में भी भाग लिया.
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