Exclusive Interview Of Sachin Pilot: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के लिए दिया गया बयान काफी चर्चा में है. गहलोत ने न सिर्फ पायलट को गद्दार कहा बल्कि ये भी आरोप लगाया कि पायलट ने कभी नहीं कहा कि वो बीजेपी से नहीं मिले थे. इस बयान के बाद Rajasthan Tak से विशेष बातचीत में सचिन पायलट ने कहा- ‘मेरे राजनैतिक जीवन में मेरे धुर विरोधियों और विपक्ष के लोगों ने भी जिनके खिलाफ मैं लड़ा हूं वो इस तरह की भाषा का प्रयोग मेरे लिए नहीं किए हैं. जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जैसे बुजुर्ग और अनुभवी नेता इस स्तर की भाषा का प्रयोग करते हैं तो गुस्सा तो आता ही है. मैं भी इंसान हूं, कैसे कह दूं कि मुझे गुस्सा नहीं आता है.’
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सचिन पायलट ने कहा- “भरपूर गुस्सा आता है और जोर का गुस्सा आता है. गुस्सा आना स्वभाविक है. इसी जुबान में उनको जवाब देना बहुत आसान काम है. किसी की जुबान पर ताला नहीं लगा हुआ है. मगर मैंने कभी भी इस स्तर की राजनीति नहीं की है. मुझे मेरे माता-पिता से मिला संस्कार रोकता है. मेरी परवरिश ऐसी नहीं हुई कि अपने से किसी बड़े बुजुर्ग के खिलाफ अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करूं पर गुस्से से ज्यादा दुख होता है कि अशोक जी इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हैं. मुझे विश्वास है हमारे नेता सोनिया गांधी जी, खड़गे जी और राहुल गांधी जी पर, वो पार्टी और राजस्थान के हित मे सही समय पर सही कदम उठाएंगे.
सबसे ज्यादा बीजेपी से मैं लड़ रहा हूं- पायलट
बीजेपी से मिलीभगत वाले गहलोत के बयान पर पायलट ने कहा- आज बीजेपी के खिलाफ देश भर में पार्टी की तरफ से कैंपेंन के लिए कौन जा रहा है. मेरा अबतक का पूरा राजनैतिक जीवन बीजेपी के खिलाफ लड़ते बीत गया. मैंने अपना हर चुनाव बीजेपी के खिलाफ लड़ा. मैं अभी भी हिमाचल प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ जमकर कैंपेन करके लौटा हूं. मध्यप्रदेश में बीजेपी ने मेरी सरकार गिराई तो कमलनाथ जी की मदद के लिए बीजेपी के खिलाफ मैं खड़ा रहा और हर जगह उपचुनाव में कैंपेन किया. मैं बीजेपी से सबसे दमदारी से लड़ने वाला कांग्रेस पार्टी का नेता हूं. खड़गे जी और राहुल जी के नेतृत्व में हमारी लड़ाई बीजेपी से जारी रहेगी.”
इनसिक्योर फील नहीं करना चाहिए- पायलट
इस सवाल पर कि गद्दार जैसे शब्दों के साथ अचानक हमले की वजह क्या है? सचिन पायलट ने कहा- ‘वो तो वो जानें मगर किसी को भी इनसिक्योर नहीं फील करना चाहिए. राजनीति में आज मैं हूं कल मेरी जगह कोई और होगा. हममें से किसी को भी यह नहीं मानकर चलना चाहिए कि पार्टी किसी एक व्यक्ति के पीछे चलती है. पुराने लोग जाते हैं, नए लोग आते हैं यह तो किसी भी पार्टी और संगठन के लिए जरूरी होता है. जब 1998 में पार्टी ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया था तो वो विधायक भी नहीं थे. परसराम मदेरणा जी कद्दावर नेता थे मगर पार्टी ने कुछ सोचा होगा और नए नेतृत्व को आगे बढ़ाया होगा.’
यहां पढ़ें गहलोत के बयानों और आरोपों का पूरा जवाब पायलट के साथ राजस्थान Tak के खास इंटरव्यू में…
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