गहलोत के करीबी ने उन्हें ही बता दिया कांग्रेस की हार का जिम्मेदार, जानें कौन हैं लोकेश शर्मा?

Lokesh sharma profile: राजस्थान (rajasthan news) चुनाव में कांग्रेस की हार के साथ ही अब पार्टी में घमासान मच चुका है. इस घमासान की शुरुआत अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा (lokesh sharma) ने की है. गहलोत को इस हार का जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि कई कारण है जो कांग्रेस की हार […]

Rajasthan: बीकानेर जिले से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे सीएम के ओएसडी लोकेश शर्मा, सामने आई जानकारी

Rajasthan: बीकानेर जिले से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे सीएम के ओएसडी लोकेश शर्मा, सामने आई जानकारी

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Lokesh sharma profile: राजस्थान (rajasthan news) चुनाव में कांग्रेस की हार के साथ ही अब पार्टी में घमासान मच चुका है. इस घमासान की शुरुआत अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा (lokesh sharma) ने की है. गहलोत को इस हार का जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि कई कारण है जो कांग्रेस की हार का कारण बने. उसमें सबसे बड़ा कारण 25 सितंबर को कांग्रेस हाईकमान के साथ बगावत थी. इस बयान के बाद अब लोकेश शर्मा चर्चा में हैं.

लोकेश शर्मा गहलोत के सोशल मीडिया प्रोफाइल और सोशल मीडिया अभियानों के प्रबंधन में शामिल थे. अब सोशल मीडिया पर चर्चा है कि लोकेश शर्मा पर केस होने के कारण सरकार बदलते ही राग बदल गए हैं.

गहलोत की ब्राडिंग का संभाला था जिम्मा

लोकेश शर्मा सीएम अशोक गहलोत के करीबी माने जाते हैं. इसके अलावा वो सीएम गहलोत की सोशल मीडिया प्रोफाइल और सोशल मीडिया अभियानों के मैनेजमैंट को देखते रहे हैं. जिसके चलते उन्हें गहलोत का ओएसडी कम्यूनिकेशन नियुक्त किया गया था. साल 2012 से ही वो गहलोत के सोशल मीडिया को संभाल रहे हैं. वो आईटी से जुड़े लोगों की टीम को लीड करते हैं. ओएसडी रहते हुए भी कांग्रेस के संगठन के लिए काम किया.

खास बात यह है कि शर्मा ने सोशल मीडिया ही नहीं बल्कि पूरे राजस्थान में घूमकर लगभग 127 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करते हुए युवाओं के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किए. जमीनी फीडबैक लिए और सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया. जब लोकेश शर्मा ने राजस्थान चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी के सेन्ट्रल वॉर रूम में को-चेयरमैन की भी जिम्मेदारी निभाई है. शर्मा ने आरोप लगाए “इसी आधार पर उन्होंने एक रिपोर्ट गहलोत को सौंपी थी, लेकिन विधानसभावार इस रिपोर्ट को गहलोत ने दरकिनार कर टिकट चयन सही नहीं किया.”

संगठन में भी बड़ी जिम्मेदारी निभा चुके शर्मा

साल 2013 से 18 के दौरान विधानसभा चुनाव में गहलोत के कैंपेन को ट्विटर और फेसबुक के जरिए आम लोगों तक पहुंचाने का जिम्मा लोकेश शर्मा को ही दिया गया था. जिसके बाद सरकार रिपीट हुई तो वह गहलोत के और करीब आ गए. लोकेश शर्मा कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई से में रहकर प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता की जिम्मेदारी निभा चुके हैं. अब कांग्रेस में जिस तरह से लोकेश को बड़ी जिम्मेदारी मिली. जिसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी उन्हें टिकट भी दे सकती है. बीकानेर और भीलवाड़ा से शर्मा ने टिकट की दावेदारी की. बीकानेर पश्चिम से नाम नहीं आने के बाद कहा जाने लगा कि भीलवाड़ा से टिकट तय हो गया था, लेकिन ऐन वक्त पर टिकट काट दिया गया.

फोन टैपिंग विवाद के बाद आए सुर्खियों में

बता दें कि सीएम गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा जुलाई 2020 में मानेसर प्रकरण के समय फोन टैपिंग मामले को लेकर सुर्खियों में आए थे. इसे लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली में केस दर्ज भी कराया है. इस मामले की सुनवाई चल रही है. दिल्ली की कोर्ट ने लोकेश शर्मा को फिलहाल राहत दे रखी है. फोन टैपिंग मामले में दिल्ली में मार्च 2021 में गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से एफआईआर दर्ज करवाई गई थी.

एक ट्वीट के चलते पहले भी घिर चुके विवाद में

इससे पहले भी वह विवाद में आ चुके हैं. जब पंजाब में सत्ता परिवर्तन के बाद उन्होंने एक ट्वीट किया था. जिसके बाद कयास लगाए जाने लगे कि गहलोत केंद्रीय नेतृत्व को संदेश देना चाहते हैं, जिसके चलते सीधे तौर पर कुछ ना कहते हुए लोकेश शर्मा के ट्वीट के जरिए जवाब दिया गया है. इसके बाद शर्मा का बयान आया था “चूंकि उनका ट्वीट एक बड़ा विवाद बन गया है, इसलिए उन्होंने सीएम (गहलोत) से मुलाकात की और उनसे उनका इस्तीफा स्वीकार करने का अनुरोध किया.”

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