लोकसभा चुनाव के बाद एक बार फिर दौसा (Dausa News) में सियासत का टेंपरेचर हाई हो गया है. कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा (Kirodilal Meena) के इस्तीफा देने वाले बयान पर राजनीति अभी थमी भी नहीं थी कि दौसा बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष अमर सिंह कसाना के बयान ने हलचल मचा दी है.
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दरअसल, अमर सिंह कसाना (Amar Singh Kasana) ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर विधानसभा उपचुनाव से पहले सियासत को गरमा दिया है. उन्होंने कहा है कि "दौसा जिला भाजपा अध्यक्ष समेत पूरे संगठन को लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हार को देखते हुए नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. इनको पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है. अगर इन्होंने समय रहते हुए इस्तीफा नहीं दिया तो आने वाले विधानसभा उपचुनाव में दौसा की सीट पर बीजेपी को भारी नुकसान होगा."
"बैरवा, गुर्जर या मीना को टिकट नहीं दिया तो BJP की हार तय"
पूर्व जिला अध्यक्ष अमर सिंह कसाना ने पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों को अपील करते हुए लिखा, "मैं प्रदेश नेतृत्व और राष्ट्रीय नेतृत्व से आग्रह करना चाहता हूं कि भाजपा की दौसा में स्थिति बहुत खराब है इसलिए संगठन पर विशेष ध्यान दें. दौसा सीट पर बैरवा, गुर्जर या मीना को टिकट दिया तो भाजपा की जीत होगी अन्यथा जातीय समीकरणों के आधार पर भाजपा की हार लगभग तय है."
कांग्रेस के मुरारी ने जीता था लोकसभा चुनाव
दौसा लोकसभा चुनाव में बीजेपी के कन्हैया लाल मीणा के प्रचार के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान का पहला रोड शो किया था. उसके बाद कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा था कि अगर बीजेपी दौसा सीट हारी तो वह इस्तीफा देंगे. इसके बाद दौसा सीट सुपर हॉट सीट बन गई थी. हालांकि परिणाम में कांग्रेस के मुरारी लाल मीणा ने दोसा लोकसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की और बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा. अब हार के बाद पूर्व जिला अध्यक्ष द्वारा सोशल मीडिया पर लिखी गई पोस्ट ने बीजेपी नेताओं में हलचल पैदा कर दी है.
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