Rajasthan Politics: संजीवनी प्रकरण (Sanjeevani Case) को लेकर केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पर बड़ा हमला बोला है. शेखावत ने कहा कि साढ़े चार साल में इस प्रकरण की जांच न तो राज्य की एसओजी ने पूरी की और न ही इसे सीबीआई को सौंपा जा रहा है. मुख्यमंत्री गहलोत इस मामले में राजनीति करते हुए केवल जांच को भटकाने का काम कर रहे हैं.
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जोधपुर सर्किट हाउस में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने संजीवनी प्रकरण में कहा कि आदर्श और संजीवनी सहित करीब 14 क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटियां ऐसी हैं, जिन्होंने करोड़ों रुपए निवेशकों के ठगे हैं. आदर्श सोसायटी ने तो उससे भी ज्यादा बड़ा घोटाला किया है, लेकिन मुख्यमंत्री जी उसका जिक्र नहीं करते. केवल मेरा नाम घसीटने के लिए संजीवनी का नाम लेते हैं.
मुख्यमंत्री जी सीबीआई को देना नहीं चाहते जांच.
शेखावत ने कहा कि संजीवनी सहित अन्य सोसायटियों का राजस्थान के अलावा अन्य प्रदेशों में भी कारोबार रहा है. वहां के निवेशकों को भी ठगा गया है. इस मामले में संसद से पारित स्पष्ट कानून है कि मल्टी स्टेट सोसायटियों की जांच सीबीआई करेगी, लेकिन मुख्यमंत्री जी इसे सीबीआई को देना ही नहीं चाहते.
सीएम गहलोत की मंशा पर उठाए सवाल
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मेरा स्पष्ट आरोप है कि जांच को डिरेल करने का काम मुख्यमंत्री कर रहे हैं. इन सोसायटियों को बचाने का षड्यंत्र गहलोत सरकार कर रही है. शेखावत ने कहा कि आज सहारा के निवेशकों को पैसा मिल रहा है. संसद में यह कानून ही इसलिए पारित हुआ है कि निवेशकों का मूलधन प्राथमिकता के साथ लौटाएं, लेकिन इस प्रक्रिया में अवरोध पैदा किया जा रहा है. गुजरात और मध्यप्रदेश ने संजीवनी का प्रकरण सीबीआई को सौंप दिया, लेकिन राजस्थान सरकार को क्या मोह है कि वे जांच सीबीआई को क्यों नहीं सौंपना चाहते?
जांच से पीछे हटते हैं सीएम
केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि चूंकि संजीवनी घोटाला राजस्थान में हुआ है, इसलिए जांच राजस्थान सरकार को ही करनी चाहिए. एसओजी साढ़े चार साल तक अभी जांच ही कर रही है. उनका वकील कोर्ट में कहता है कि उनका (शेखावत) किसी एफआईआर और चार्जशीट में नाम नहीं है. अब वकील के ऊपर आरोप लगाने का वीडियो भी सबसे सामने है. मुख्यमंत्री जी चाहते क्या हैं? जहां जांच करनी चाहिए, वहां जांच से पीछे हटते हैं.
न्यायपालिका पर टिप्पणी गैर जिम्मेदाराना
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर की टिप्पणी पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि यह गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी नितांत निंदनीय है. न्यायपालिका का अपमान नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पहले तो मुख्यमंत्री ने यहां तक कह दिया कि वकील जो लिखकर ले जाते हैं, वही फैसला आता है. अब उन्होंने यू-टर्न लिया कि यह राय उनकी निजी नहीं है तो उन्हें यह बताना चाहिए कि यह राय उन्हें किसने दी? क्या वैभव जी ने दी? क्या सरकार ने दी? यदि सरकार ने दी तो सरकार उनकी ही है. उन्हें अपनी बात को या तो साबित करें. या क्षमा मांगनी चाहिए.
अन्नपूर्णा फूड पैकेट के वितरण में घोटाला
शेखावत ने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार की नित नई नूतन पटकथा लिख रही है. ऐसा कोई महकमा नहीं, जिसमें भ्रष्टाचार नहीं हो रहा है. यहां तक कि गहलोत की महत्वाकांक्षी योजना अन्नपूर्णा फूड पैकेट के वितरण तक में घोटाला हो रहा है. उन्होंने कहा कि यदि एक सामान्य दुकानदार के यहां खाद्य सामग्री में मिलावट मिले तो उसे उठाकर जेल में डाल दिया जाता है, जबकि यहां खुद सरकार की ओर से वितरित खाद्य सामग्री में मिलावट है. जैसलमेर में हजारों परिवारों तक मिलावटी खाद्य सामाग्री के पैकेट पहुंच गए. कार्रवाई के नाम पर केवल ठेकेदार को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया.
जल जीवन मिशन में करोड़ों रुपए का घोटाला
केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि जल जीवन मिशन में करोड़ों रुपए के घोटाले हो रहे हैं. इस बाबत मिशन डायरेक्टर और मेरी स्वयं की ओर से कई बार पत्र लिखकर इन घोटालों पर कार्रवाई करने के लिए कहा गया था. इस बीच एक ठेकेदार केन्द्र की एक संस्था का फर्जी लेटर हेड यूज करते हुए पाया गया. चूंकि, यह योजना केन्द्र पोषित है, इसलिए इसमें ईडी की कार्रवाई हो रही है. अब यह पता लगाया जाना चाहिए कि इस ठेकेदार के राज्य सरकार के मंत्री के साथ क्या संबंध हैं?
एक राष्ट्र-एक चुनाव पर दिया बयान
वहीं शेखावत ने एक राष्ट्र-एक चुनाव की चर्चाओं पर शेखावत ने कहा कि इस बारे में पहले भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी अपनी राय व्यक्त कर चुके. देश में बार-बार चुनाव होने से समय बर्बाद होता है. धन की बेतहाशा बर्बादी होती है. इसलिए आदर्श स्थिति देश में यह हो सकती है, ऐसा मोदीजी ने कहा था. उन्होंने इस दिशा में सोचने के लिए देश के सभी वर्गों का आह्वान किया था. भाजपा ने इस विषय में पहले के तीन चुनाव घोषणा पत्रों में संकेत किया है. हालांकि, अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन एक राष्ट्र-एक चुनाव एक आदर्श स्थिति है और हमें इस दिशा में बढ़ना चाहिए. इसके लिए एक वातावरण निर्माण करने की जरूरत है. शेखावत से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ चुनाव लड़ने को लेकर पूछे गए सवाल पर शेखावत ने कहा अशोक गहलोत के सामने चुनाव लड़ने में कोई दिक्कत नहीं है. पार्टी के निर्देश ही मेरे लिए सर्वोपरि है.
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