भरत सिंह कुंदनपुर का फूटा गुस्सा! बोले- पायलट छोड़ भागे मैदान, गहलोत के मिशन-156 पर दिया ये बयान

Bharat Singh Kundanpur angry with Sachin Pilot: कोटा (kota) सांगोद विधानसभा से कांग्रेस (congress) के विधायक और पूर्व मंत्री भरत सिंह कुंदनपुर अब सचिन पायलट (sachin pilot) से खफा है. इसकी वजह है भरत सिंह की सभा से पायलट की दूरी. 20 अगस्त को सांगोद के कनवास कस्बे में सचिन पायलट के लिए एक सभा […]

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Bharat Singh Kundanpur angry with Sachin Pilot: कोटा (kota) सांगोद विधानसभा से कांग्रेस (congress) के विधायक और पूर्व मंत्री भरत सिंह कुंदनपुर अब सचिन पायलट (sachin pilot) से खफा है. इसकी वजह है भरत सिंह की सभा से पायलट की दूरी. 20 अगस्त को सांगोद के कनवास कस्बे में सचिन पायलट के लिए एक सभा रखी थी. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर हुई इस सभा में पायलट का आना प्रस्तावित था.

पायलट ने 2 दिन पहले ही फोन कर विधायक भरत सिंह को सूचना दी कि उनको दिल्ली किसी कार्यक्रम में शामिल होना है तो वह अब नहीं आ सकते. जिसके बाद भरत सिंह कुंदनपुर ने तुरंत चिट्ठी लिखकर लोगों तक जानकारी पहुंचाई कि पायलट को दिल्ली जाना है, जिसकी वजह से इस सभा में शामिल नहीं होंगे. लेकिन यह सभा कैंसिल नहीं होगी. उन्होंने यहां तक कह दिया कि यह किसी नेता के लिए सभा नहीं रखी गई थी, यह आपकी मेरी और सब की सभा है.

भरत सिंह ने कनवास में खेल मैदान बनवाया है. महात्मा गांधी के नाम पर बनवाए मैदान में पवेलियन का नाम पायलट के नाम से ही रखा. उनका कहना है कि राजेश पायलट से उनके काफी अच्छे रिश्ते थे और वह ईमानदार नेता थे. इंदिरा गांधी के जमाने में सच बोलने की हिम्मत रखते थे. इसीलिए मैंने पवेलियन का नाम पायलट नाम पर रखा था और उनके पुत्र सचिन पायलट को उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया था.

पायलट पर किया तीखा प्रहार

जब सभा में भाषण देने पहुंचे तो भरत सिंह ने कहा कि राजेश पायलट तो हमारे साथ हैं, हमने उनकी तस्वीर पीछे लगाई है. लेकिन सचिन पायलट मैदान छोड़कर भाग गए. पायलट के नहीं आने से  नाराज भरत सिंह कुंदनपुर ने कहा कि उनके पिता राजेश पायलट कहते थे कि भरत में तुम्हारे साथ हूं.

पायलट पर तंज कसते हुए भरत सिंह ने कहा कि जब रामायण में ऋषी लोग यज्ञ करते थे, तब राक्षस लोग उनके रास्ते में हड्डियां डालते थे. ये भी हड्डियां डालने का काम किया गया है. गहलोत को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सीएम 156 सीट लाने की बात करते हैं, लेकिन अगर कांग्रेस का काम के आधार पर ही वोट मिलेगा तो सिर्फ 156 नहीं राजस्थान में पूरी 200 सीटें कांग्रेस के खाते में होंगी.

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