Ashok Gehlot replied on modi’s statement: राजस्थान के सीकर जिले में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने लाल डायरी मामले पर कांग्रेस को जमकर का घेरा. इधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी चुप नहीं रहे और उन्होंने इसका जवाब भी दे डाला. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को कपोल कल्पित लाल डायरी की चिंता छोड़ लाल सिलेंडर और लाल टमाटर पर ध्यान देना चाहिए.
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उन्होंने कहा कि कहते हैं कि मैंने सुना है कि पीएम ने सीकर में ‘लाल डायरी’ पर भाषण दिया था. प्रधानमंत्री पद की बहुत बड़ी गरिमा है. उनके पास आईटी, ईडी और सीबीआई है, जिसका देश में जमकर दुरुपयोग हो रहा है. क्या वे यहां से जानकारी नहीं जुटा सकते? जिस प्रकार से हमारे मंत्रिमंडल में साथ थे, उन्हें मोहरा बनाया गया. विधानसभा में 50 डायरियां लहरा गई है.
वो आ रहे हैं तो कोई बात नहीं, राजनीति में आना चाहिए. क्या वे इतने परेशान हैं? राजस्थान को निशाना बनाया जा रहा है कि यहां अत्याचार हो रहा है और यहां कोई कानून-व्यवस्था नहीं है. राजस्थान में सबसे ज्यादा छापे पड़े हैं. तीन महीने में चुनाव होने हैं. जनता का मूड देखकर परेशान हैं क्योंकि वे लोगों का मूड देख सकते हैं.
गहलोत ने कहा कि इसलिए, वे आधारहीन आरोप लगा रहे हैं. ‘लाल डायरी’ उनमें से एक है. आने वाले समय में बीजेपी को लाल झंडी दिखा दी जाएगी. जिस तरह से विधानसभा में व्यवहार किया गया है. कहां मणिपुर और कहां राजस्थान?
मोदी बोले- लाल डायरी कर देगी कांग्रेस का डिब्बा गोल
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने सीकर की जनसभा में कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने इस दौरान लाल डायरी का मुद्दा भी छेड़ दिया. उन्होंने कहा कि कहते हैं इस ‘लाल डायरी’ में कांग्रेस सरकार के काले कारनामे दर्ज हैं. लोग कह रहे हैं कि ‘लाल डायरी’ के पन्ने खुले तो अच्छे-अच्छे निपट जाएंगे.
मोदी ने आगे कहा कि ‘कांग्रेस के बड़े से बड़े नेताओं की इस ‘लाल डायरी’ का नाम सुनते ही बोलती बंद हो रही है. ये लोग भले ही मुंह पर ताला लगा लें, लेकिन ये ‘लाल डायरी’ इस चुनाव में कांग्रेस का डिब्बा गोल करने जा रही है.
साथ ही उन्होंने आगामी चुनाव में जीत का दावा करते हुए कहा कि आज राजस्थान में एक ही गूंज है, एक ही नारा है. जीतेगा कमल, खिलेगा कमल. राजस्थान में अच्छी सड़कों के लिए और अच्छे हाईवे के लिए. राज्य के विकास के लिए भाजपा सरकार लगातार पैसे भेज रही है. जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तब 10 वर्षों में राजस्थान में टैक्स की हिस्सेदारी के रूप में एक लाख करोड़ रुपए ही दिए गए थे. बीते 9 वर्षों में भाजपा सरकार ने टैक्स की हिस्सेदारी के रूप में चार लाख करोड़ रुपये से अधिक पहुंचाए हैं.
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