Satyapal Malik in Alwar: जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक रविवार को अलवर जिले में पहुंचे. बानसूर में वह एक कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि अगर अगले चुनाव तक जनता ने सत्ता से दूर नहीं किया और इनके खिलाफ मतदान नहीं किया तो आगामी पीढ़ी में यह तुम्हें इस लायक नहीं छोड़ेंगे कि आप को मतदान करने की जरूरत पड़ेगी. क्योंकि ये कह देंगे की जब हम ही चुनाव जीतते हैं तो चुनाव कराने की क्या जरूरत है. ना कोर्ट रहेंगे ना फोर्स रहेगी और कोई सिस्टम रहेगा, जिससे इन पर कंट्रोल किया जा सके.
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सत्यपाल मलिक ने कहा कि यह लोग मुझे गद्दार करना चाहते हैं लेकिन मैंने ईमानदारी से काम किया है. जम्मू कश्मीर में मुझे 300 करोड़ रुपए का ऑफर मिला था लेकिन उनसे ठुकरा दिया और ईमानदारी से काम किया. अब वह मुझे नहीं फंसा पा रहे हैं इसलिए मेरे नीचे आ जो अधिकार रहे हैं, उनके खिलाफ ईडी और सीबीआई की लगा दी है ताकि मेरे खिलाफ षड्यंत्र रच कर मुझे जेल में भेजा जा सके.
ग्रामीणों ने 21 किलो के फूलों की माला पहनाकर स्वागत किया.
अलवर जिले के बानसूर दौरे पर रविवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक अपने एकदिवसीय दौरे पर पहुंचे. जहां बानसूर के गांव फतेहपुर में राम दरबार मूर्ति स्थापना कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान मूर्ति स्थापना कार्यक्रम में मूर्ति का फीता काटकर अनावरण किया. इस दौरान ग्रामीणों ने 21 किलो की माला पहनाकर पूर्व राज्यपाल का स्वागत किया.
पीएम नाक के नीचे करवाते हैं भ्रष्टाचार
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि इनके साथ के लोग अडानी हैं, जिसने तीन साल में इतनी दौलत पैदा कर दी देश का सबसे बड़ा इमानदार हो गया. पार्लियामेंट में जब राहुल गांधी ने 20,000 करोड़ रुपए के बारे में पूछा तो प्रधानमंत्री बता नहीं पाए. पीएम पर हमला बोलते होते कहा की ये अपनी नाक के नीचे भ्रष्टाचार करवाते हैं.
पुलवामा की जांच होती तो गृहमंत्री का इस्तीफा होता
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि इस बार आप राज को पलट सकते हैं. पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने यह भी कहा कि पुलवामा में हमारे 40 सैनिक शहीद हो गए. तब मैं कश्मीर का गर्वनर था. जब सीआरपीएफ के जवानों की मूव होती तो वो हमें खबर ना देकर गृह मंत्रालय को खबर देते थे. उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले की जांच नहीं हुई. अगर जांच होती होती तो गृह मंत्री का इस्तीफा होता और काफी अफसर जेल में होते. कार्यक्रम में पूर्व मंत्री डॉ रोहिताश शर्मा, अलवर जिला प्रमुख बलबीर छिल्लर, प्रधान प्रतिनिधि सुभाष यादव सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.
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