Will Gehlot be defeated in Marwar: चुनावी तैयारियों के बीच कांग्रेस (Congress) और बीजेपी अब आमने-सामने है. विधानसभा में लाल डायरी और राजेंद्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) की बर्खास्तगी का मुद्दा कांग्रेस के लिए परेशानी बना. वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने घर में भी चुनौती झेल रहे हैं. पश्चिम राजस्थान यानी मारवाड़ में कुल 10 जिले में 61 विधानसभा सीटें आती है. प्रदेश के इस सबसे बड़े रीजन में कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है.
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एबीपी-सी वोटर सर्वे में इसे लेकर राय सामने आई है. चौंकाने वाली बात यह है कि सीएम अपने ही क्षेत्र में कमजोर दिख रहे हैं. इस सर्वे गहलोत के साथ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर राय जानी गई है.
सर्वे के मुताबिक बीजेपी को 42 फीसदी, कांग्रेस को 40 फीसदी और अन्य को 18 फीसदी मिलने की संभावना जताई गई है. अगर सीटों के लिहाज से देखें तो बीजेपी जहां 30 से 34 सीटें जीत सकती है, वहीं, कांग्रेस के खाते में 25 से 29 सीट ही बताई जा रही है. जबकि यहां अन्य को ज्यादा से ज्यादा 4 सीटें मिल सकती है.
बता दें कि जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर जैसे कई बड़े जिलें वाले क्षेत्र में बड़े उलटफेर की संभावना के चलते कांग्रेस खेमे की चिंता बढ़ना भी लाजमी है. जहां गहलोत और शेखावत के आमने-सामने होने की बात दिखती है. जबकि विधायक दिव्या मदेरणा और हरीश चौधरी भी कई बार कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी कर चुके हैं. सियासी समीकरण देखें तो क्षत्रिय, जाट और ओबीसी बाहुल्य वाले इस क्षेत्र में पिछली बार कांग्रेस ने बढ़त ली थी. लेकिन इस बार बीजेपी को फायदा मिल सकता है.
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