लोकसभा चुनाव-2024 (Lok Sabha Election-2024) के लिए कांग्रेस की दूसरी लिस्ट भी घोषित हो गई. इस लिस्ट में राजस्थान (rajasthan) की 10 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान हुआ. हालांकि अभी कई ऐसी सीटें हैं, जिन पर सहमति नहीं बन पाई है. इनमें से एक हैं मारवाड़ की नागौर सीट. जहां की सियासत इन दिनों काफी गरमाई हुई है. कांग्रेस की दिग्गज नेता डॉ. ज्योति मिर्धा पार्टी छोड़कर विधानसभा लड़ी. हालंकि उन्हें यहां हार नसीब हुई.
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अब एक बार फिर लोकसभा में उम्मीदवार हैं. उनके परिवार के कई सदस्य भी कांग्रेस को अलविदा कह चुके हैं. इन सबके बीच कांग्रेस यहां अपना उम्मीदवार नहीं उतारना चाहती और नागौर में आरएलपी मुखिया हनुमान बेनीवाल (hanuman beniwal) के भरोसे हैं. यहीं वो वजह है, जिसके चलते पार्टी में तूफान मचा हुआ है.
बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के साथ कांग्रेस के गठबंधन पर पेंच भी फंस गया है. गठबंधन के मसले पर कांग्रेस दो धड़ों में बंटती हुई नजर आ रही है. कयास लगाए जा रहे हैं कि मारवाड़ के कांग्रेस के नेताओं ने हनुमान बेनीवाल के साथ गठबंधन को लेकर बड़ी आपत्ति दर्ज करवाई है. सूत्रों की मानें तो ये दिग्गज कांग्रेस आरएलपी के साथ गठबंधन नहीं करने के पक्ष में है. जिसके चलते पार्टी के भीतर सहमति नहीं बन पाई है.
क्षेत्रीय दलों के साथ गठजोड़ की है तैयारी
लोकसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस पार्टी क्षेत्रीय दलों से गठबंधन करके चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है. भारतीय आदिवासी पार्टी, सीपीआई और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से गठबंधन को लेकर कांग्रेस में उच्च स्तर पर मंथन चल रहा है. लेकिन पार्टी पूरी तरह से रालोपा से गठबंधन को लेकर उलझ गई है. मामला बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट को लेकर भी है. जहां कांग्रेस अभी तक कोई निर्णय नहीं ले पाई है. कांग्रेस आलाकमान चाहता है कि इस सीट से पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी चुनाव लड़े. लेकिन, हेमाराम चौधरी मानने को तैयार नहीं है. हालांकि इस सीट पर भी आरएलपी फैक्टर को तरजीह देने के कयास है.
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