हनुमान बेनीवाल के साथ कांग्रेस के गठबंधन पर फंसा पेंच! जानें किसने जताई इस पर आपत्ति?

Dinesh Bohra

13 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 13 2024 8:09 AM)

Congress' alliance with RLP: हनुमान बेनीवाल के साथ गठबंधन पर कांग्रेस पार्टी दो धड़ों में बंटती हुई नजर आ रही है.

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Congress' alliance with RLP: लोकसभा चुनाव के लिए राजस्थान में कांग्रेस ने 10 सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है. हालांकि कांग्रेस ने अभी तक नागौर सीट (nagaur loksabha seat) पर कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है. इसके पीछे की वजह ये बताई जा रही है कि हनुमान बेनीवाल (hanuman beniwal) की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी  (RLP) के साथ कांग्रेस के गठबंधन पर अब पेंच फंस गया है. अब कांग्रेस पार्टी गठबंधन के मसले पर दो धड़ों में बंटती हुई नजर आ रही है.

बताया जा रहा है कि मारवाड़ के कांग्रेस के नेताओं ने हनुमान बेनीवाल के साथ गठबंधन को लेकर बड़ी आपत्ति दर्ज करवाई है. वे चाहते हैं कि कांग्रेस आरएलपी के साथ गठबंधन न करके खुद के दम पर चुनाव लड़े. ऐसे में आरएलपी के साथ गठबंधन के मसले पर कुछ नेताओं के विरोध के चलते फिलहाल इस पर कोई फाइनल सहमति नहीं बन पाई है.

सफल होती नहीं दिख रही क्षेत्रीय दलों से गठबंधन की रणनीति

लोकसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस पार्टी क्षेत्रीय दलों से गठबंधन करके चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है. भारतीय आदिवासी पार्टी, सीपीआई और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) से गठबंधन को लेकर कांग्रेस में उच्च स्तर पर मंथन चल रहा है. लेकिन रालोपा से गठबंधन को लेकर पार्टी दो धड़ों में बंट गई है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी का क्षेत्रीय दलों से गठबंधन का विचार कहीं ना कहीं ठंडा पड़ता नजर आ रहा है. हालांकि देखना यह होगा कि अगर कांग्रेस आरएलपी के साथ गठबंधन नहीं करती है तो नागौर से किसे अपना उम्मीदवार बनाएगी.

बाड़मेर-जैसलमेर से हेमाराम चौधरी को चुनाव लड़वाने की मांग

बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट को लेकर भी कांग्रेस अभी तक कोई निर्णय नहीं ले पाई है. कांग्रेस आलाकमान चाहता है कि इस सीट से पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी चुनाव लड़े. लेकिन, हेमाराम चौधरी मानने को तैयार नहीं है. कहा जा रहा है कि हेमाराम चौधरी को मनाने के लिए दो दिन पहले ही हरीश चौधरी ने करीब 2 घंटे तक हेमाराम चौधरी से मुलाकात कर कांग्रेस के आलाकमान को उनका मेसेज पहुंचा दिया. हालांकि यह देखना बहुत दिलचस्प होगा कि उम्र के इस पड़ाव पर हेमाराम चौधरी फिर से पूरी दमखम के साथ चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं.

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