Youth create a gang to lead a luxury life: लग्जरी लाइफ जीना हर किसी का शौक है. ऐसे ही शौक को पूरा करने के लिए अलवर (alwar news) के एक गांव में युवाओं (youth) ने अपराध की राह चुन ली. इस गांव में युवाओं ने गैंग बनाकर चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया. इसके लिए बाकयादा हर सदस्य को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई.
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यह मामला अलवर शहर के नजदीक सामोला गांव में रहने वाले युवाओं से जुड़ा है. जिन्होंने महंगे शौक पूरे करने व लग्जरी लाइफ जीने के लिए एक गैंग बनाया और उसके बाद चोरी की वारदात करने लगे. इस गैंग ने एक-दो नहीं, बल्कि सैकड़ों चोरी की वारदातों को अंजाम दिया. इसी बीच पुलिस ने गैंग की सरगना को गिरफ्तार किया तो एक के बाद एक कई खुलासे भी हुए.
हालांकि अभी तक गैंग के सिर्फ दो ही सदस्य गिरफ्तार हुए हैं. पुलिस गैंग के अन्य मेंबर्स को भी गिरफ्तार करने के लिए दबिश दे रही है. जानकारी के मुताबिक इस गैंग में 10 से ज्यादा सदस्य हैं. गैंग में केवल गांव के युवाओं को ही शामिल किया जाता था. गिरफ्तार युवकों में एक कादर 22 साल व साहिल 19 साल का है. दोनों चोरों ने 33 चोरी की घटनाओं को कबूला है. 6 महीने के भीतर इन्होंने इन घटनाओं को किया. तो इससे पहले भी बड़ी संख्या में चोरी की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं. चोरी करने के बाद तुरंत सामान बेच देते थे. ज्यादातर युवा परिवार से समृद्ध हैं. गैंग का सरगना गिरफ्तार होने के बाद गैंग के अन्य साथी फरार हो गए.
रैकी करने से लेकर सामान बेचने तक का दिया था जिम्मा
पुलिस की पड़ताल में जो खुलासे हुए वो चौंकाने वाले थे. गैंग का सरगना का कादर अन्य सदस्यों को ट्रेनिंग देता था. पहले भी कई बार जेल में बंद हो चुका है. वहीं, गैंग में प्रत्येक मेंबर के पास अलग जिम्मेदारी थी. कोई मेंबर सूने मकानों की रैकी करता था, तो कोई सामान बेचने व चोरी में काम आने वाले वाहनों की व्यवस्था करता था. गैंग के प्रत्येक मेंबर को जो जिम्मेदारी मिलती थी, वो उसे पूरी करता था. हैरानी की बात यह है कि सभी की उम्र 18 साल से 30 साल के बीच है. गैंग में केवल गांव के युवाओं को ही शामिल किया जाता था, ताकि सूचनाएं लीक नहीं हो सके. गांव में जिन युवाओं की नौकरी नहीं लगती थी, वो युवा इस गैंग में शामिल होते थे.
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