Mob Lunching Decision: रकबर उर्फ अकबर मॉब लिंचिंग मामले में करीब 5 साल बाद फैसला सुनाया जाएगा. इस मामले में अलवर के अपर सत्र न्यायाधीश नंबर-1 सुनील गोयल की अदालत निर्णय सुनाएगी.
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गौरतलब है कि 20 जुलाई, 2018 की रात को अलवर में मॉब लिंचिंग की वारदात सामने आई थी. इस दौरान असलम और रकबर गायों के साथ भरतपुर जिले में अपने गांव जा रहे थे. तभी रामगढ़ तहसील के लालवंडी गांव में धर्मेंद्र, परमजीत और विजय ने उन्हें रोक लिया. खुद को गौ रक्षक बताने वाले इन लोगों ने दोनों युवकों के साथ मारपीट शुरू कर दी.
हालांकि इस दौरान असलम किसी तरह से अपनी जान छुड़ाकर भाग गया. जिसके बाद तथाकथित गौरक्षकों ने रकबर को बेरहमी से पीटा. जब वह जमीन पर गिरा तो उन्होंने रामगढ़ पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल रकबर और गायों को रामगढ़ थाने ले गई. घायल रकबर को थाने में डाल दिया गया और अन्य पुलिस के लोग गायों को पालने के लिए गोशाला चले गए. एक घंटे या उससे अधिक समय के बाद रकबर को रामगढ़ अस्पताल भेजा गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. जांच में दो और गो रक्षकों के बाद विजय और नेवल किशोर भी इस मामले में शामिल पाए गए.
इनपुटः देवेंद्र भारद्वाज, राजस्थान तक
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