RPSC Paper Leak Case: सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा पेपरलीक प्रकरण में गिरफ्तार आरोपी राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) सदस्य बाबूलाल कटारा पर दो धारी तलवार लटक रही है. एक तरफ एसओजी ने कटारा को गिरफ्तार कर लिया. दूसरी और, राज्य सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए उसे पद से हटाने के लिए राष्ट्रपति से सिफारिश की है.
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जानकारी के मुताबिक आरोपी बाबूलाल कटारा को अब अपनी सदस्यता गंवानी पड़ सकती है. सीएस उषा शर्मा और प्रमुख शासन सचिव कुलदीप रांका ने इस मामले में समीक्षा कर कटारा को पद से हटाने का फैसला किया. इस मामले में विधिक राय लेकर राज्य सरकार ने पूरी फाइल तैयार की है.
सूत्रों के अनुसार इस फाइल पर सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को भेजी है. अब राष्ट्रपति के स्तर पर कभी भी फाइल पर मंजूरी मिल सकती है. उसके बाद तुरंत प्रभाव से कटारा को आरपीएससी सदस्य को पद से हटा दिया जाएगा. प्रदेश के इतिहास का पहला मौका है जब किसी संवैधानिक आयोग के सदस्य की भ्रष्टाचार संबंधित मामले में पद से हटाने की कार्रवाई हो रही है.
दरअसल, केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार राजस्थान लोक सेवा आयोग जो कि एक संवैधानिक आयोग है उसकी स्थापना की गई थी. ताकि उन राज्यों में बिना राज्य सरकार के हस्तक्षेप के लोक सेवा के अधिकारी और सदस्य मिल सके. ऐसे ही राज्य सरकार की अनुशंसा पर राज्यपाल आयोग के सदस्यों की नियुक्ति करते है. जब इन्हें बर्खास्त करने की कार्रवाई करनी होती है, तब राज्य सरकार को राष्ट्रपति की मंजूरी लेनी पड़ती है.
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