Jodhpur gangrape victim’s story: जोधपुर गैंगरेप को लेकर राज्य बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने नाबालिग पीड़िता से बात कर आपबीती बयां की. बेनीवाल को पीड़िता ने बताया कि 15 जुलाई शनिवार की रात 10:30 बजे मैं अपने दोस्त के साथ ब्यावर से जोधपुर पहुंची. वहां 7500 रूपये लेकर साथ लेकर आई थी और मेरे दोस्त के पास पैसे नही थे. हमें आगे अहमदाबाद तक जाना था. इसलिए हमने बस स्टैंड के पास सस्ती होटल की तलाश में कृष्णा गेस्ट हाउस गए. वहां पर एक बार तो हमें रूम नहीं दिया गया, लेकिन बाद में कहा गया कि 12:30 बजे आइए तब आपको रूम दिया जाएगा. फिर मुझे और मेरे दोस्त को रूम दिया गया. गेस्ट हाउस मैनेजर ने 1500 रूपए रूम के लिए और दोनों रूम ऊपर नीचे थे. मेरे रूम में कुंडी नहीं थी.
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होटल मैनेजर रात को पानी की बोतल के बहाने अंदर घुस गया और अंदर घुसते ही शराब की बदबू आने लगी. इसके बाद उसने मेरे साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी. तब मैं घबरा कर चिल्लाने लगी. मैं तब उसे धक्का देकर रूम से बाहर निकल गई. तब बाहर निकलते ही मैं दरवाजा खटखटाने लगी, तब दूसरे रूम से आवाज आई कि मैं यहां हूं. कमरा बाहर से बंद है. उस दौरान गेस्ट हाउस में रह रहे अन्य लोग भी बाहर आ गए. तब होटल कर्मचारी घबरा गया और मेरे दोस्त के कमरे का ताला खोला. जिसके बाद उसने बोला कि चिल्लाओ मत दोनों को एक कमरा देता हूं. लेकिन हमें डर लग रहा था और हम वहां से दोनों निकल गए. फिर हमने तय किया कि हम अभी रात में ही अहमदाबाद में अपने रिश्तेदार के यहां चलते हैं. उनकी मदद ले लेंगे.
हम गेस्ट हाउस से निकलकर चौराहे पर आए तो उस समय 3 लड़के हमारे पास आ गए. लड़कों ने पूछा कि क्या कर रहे हो और कहां से आए हो. एक आदमी के पास डंडा भी था. हमने उन्हें बताया कि अजमेर से आए हैं और हमें अहमदाबाद जाना है.
उस समय उन लड़कों ने हमें मदद करनी चाही, लेकिन हम ने मना कर दिया. तब एक लड़का बोला कि बस से जाओगे तो महंगा पड़ेगा, चलो हम आपको रेलवे स्टेशन छोड़ देते हैं. मैंने उनको अपना भाई जैसा मानकर और विश्वास के साथ रवाना हो गए. तब एक लड़का बोला कि रेलवे स्टेशन दूर है, मेन रोड से जाएंगे तो पुलिस पकड़ लेगी. हमें भी डर था कि हम घर से भाग कर आए, कहीं हमें पकड़ ना ले. तब हमने भी इन लड़कों की बातों पर विश्वास कर लिया. उस समय वह हमें कच्चे रास्ते से मैदान में लाएं और रात करीब 3 से 3:30 बजे के बीच मैदान में सन्नाटा था.
हम उन पर भरोसा कर आगे बढ़ रहे थे. तभी अचानक उन लड़कों में से एक का व्यवहार बदल गया और मेरे दोस्त के साथ मारपीट करने लगे. उन लड़कों ने मेरे साथ छेड़छाड़ की. लेकिन मैंने कहा कि हम दोनों को छोड़ दो. हमारे पास कुछ पैसे हैं, वह ले लो पर. लेकिन वह बोले कि पैसे नहीं हमें लड़की चाहिए.
2-3 बार बारी-बारी से किया दुष्कर्म
उसके बाद 2 लड़कों ने हमें पकड़ा और तीसरे ने मेरे दोस्त को बांध दिया. इतना कहते ही मैं रोने लग गई और फिर बारी-बारी से दुष्कर्म किया. मैं चीखती-चिल्लाती रही, लेकिन किसी ने मेरी बात नहीं मानी. तीनों लड़कों ने 2-3 बार दुष्कर्म किया. उस समय मैंने किसी को आते देखकर तो जोर से चिल्लाई. तब एक अंकल और कुछ लड़के दौड़ कर मेरी तरफ आए. जिन्हें देखकर तीनों भाग गए. फिर अंकल और लड़कों ने पुलिस को बुलाया.
बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष को उस खौफनाक रात का यह घटनाक्रम बताने के बाद पीड़िता रोने लगी. पीड़िता ने बताया कि मंगलवार को इन दरिंदों की शिनाख्त के लिए जेल ले जाया गया. जहां पर मैंने इन तीनों को देखते ही पहचान लिया. तीनों वही खड़े थे, जिन्होंने मेरा जीवन खराब किया है.
लेकिन इन तीनों में से दो तो आंखें नीचे कर बैठे थे और एक मुझे घूरे जा रहा था. फिर भी मैंने वहां मौजूद एसडीएम के सामने सब को पहचान लिया. अब बस यही चाहती हूं कि इन तीनों दरिंदों को जल्द से जल्द फांसी की सजा मिले. इस पूरी वारदात को जानने के बाद बेनीवाल ने बताया कि अब पीड़िता अभी तक सहमी और डरी हुई है. मैंने पीड़िता की मां और तीन बहनों से और उसके दोस्त के माता-पिता से पूछा कि क्या आप लोग इस बच्ची को अपनाओगे. तब परिवार के लोग बोले की हां हम अपनाएंगे.
पीड़िता का दोस्त बोला- मेरी वजह से सबकुछ हुआ, मैं इसे अपनाऊंगा
उस दौरान बेनीवाल ने कहा कि इस बच्ची की शादी में करवाऊंगी और फिर उसके दोस्त से पूछा गया कि क्या तुम शादी करोगे या मैं कहीं और जगह शादी करवा दूं. तब तुरंत पीड़िता का दोस्त बोला कि मैं ही से शादी करूंगा. क्योंकि मैं इससे बहुत प्यार करता हूं. तब बेनीवाल ने कहा कि कहीं ऐसा ना हो कि शादी के बाद तुम यह कह दो कि इतने लोगों ने गलत काम किया और मैंने शादी की है. तब तुरंत दोस्त बोला कि मेरी वजह से यह सब हुआ है और मैं इससे बहुत प्यार करता हूं. मैं जिंदगी भर इसके साथ रहूंगा. इतना कहते ही पीड़िता का दोस्त का गला रुहांसा हो गया. अब दोनो को फिलहाल बाल सुधार गृह रखा गया है.
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