Sukhdev Singh Murder: प्रदेश में इस समय सबसे ज्यादा चर्चा का विषय सुखदेव सिंह गोगामेडी की हत्या है. इस हत्याकांड को पूरा करने के बाद आरोपी वहां से फरार हो गए थे. फरार होकर कहां चले गए? पुलिस उनकी लगातार तलाश कर रही है. दोनों आरोपियों पर पांच-पांच लाख का इनाम भी रख दिया है लेकिन आरोपी अभी तक पुलिस की गिरफ्त से दूर है. लेकिन हमारे साथ वह युवक मौजूद है जिसके करीब से दोनों बदमाश निकले हैं, उनके साथ आधे घंटे का सफर भी किया है. लेकिन इनको पता नहीं था कि वह कौन है? कहां से क्या करके आए हैं. इन्होंने केवल गाड़ी किराए पर की और ₹1500 किराए के लिए डीडवाना से सुजानगढ़ तक छोड़ दिया.
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आपको बता दें इस केस में सुखदेव सिंह की हत्या के बाद दोनों शूटर डीडवाना आए थे. दोनों बदमाश जयपुर से कुचामन तक ट्रेन से आए थे. फिर बस में कुचामन से डीडवाना तक आए थे. बस में डीडवाना आ रहे युवक का फोन लेकर कॉल किया था. डीडवाना बस स्टैंड आने के बाद गाड़ी किराए पर लेकर सुजानगढ़ गए. सुजानगढ़ से बस में सवार होकर बदमाश फरार हो गए. आज हम आपको उस टैक्सी ड्राइवर से मिलवाते हैं, जो अपनी कार से दोनों आरोपियों को डीडवाना से सुजानगढ़ छोड़कर आया. आइए उस कार के ड्राइवर से दोनों आरोपियों की कहानी जानते हैं कि परसों रात को क्या हुआ था? कैसे आरोपी उनके संपर्क में आए और वहां उनको छोड़कर आए?
‘कहां से गाड़ी में बैठाया’
राजस्थान तक से बात करते हुए ड्राइवर ने बताया कि ‘परसों रात को मेरे दोस्त का कॉल आया था कि दो सवारियां है, उन्हें सुजानगढ़ छोड़ना है. उसके बाद मैं डीडवाना पेट्रोल पंप के पास बस स्टैंड पर उनके पास पहुंचता हूं, इसके बाद वह गाड़ी में पीछे की सीट पर बैठ जाते हैं, इस दौरान मैंने अपने उन दोनों दोस्तों को भी बुला लिया, जिन्होंने इनको ले जाने के लिए कॉल किया था, इसके बाद वह भी आ जाते हैं और हम सभी सुजानगढ़ निकल जाते हैं.’
‘दोनों आरोपियों ने ड्राइवर से बताया अपना पता’
टैक्सी ड्राइवर ने बताया कि ‘लाडनू पेट्रोल पंप के पास हमने गाड़ी में तेल भरवाया तो उन्होंने किराये के 1500 रुपए हमें वहीं दे दिए. रास्ते में आपसी बातचीत में उन्होंने अपना पता भी बताया कि मकराना और महेंद्रगढ़ से हैं और यह भी बताया कि हमें हिसार जाना है. ड्राइवर ने बताया कि जैसे ही हम चूरू पहुंचने वाले थे तो उन्होंने कहा कि हमें चूरू, सुजानगढ़, सालासर और हिसार छोड़ दो.कई बार वह अलग-अलग लोकेशन पर छोड़ने की बात कहते रहे. फिर वह सुजानगढ़ पहुंच गए और वहां पहुंचकर हिसार जाने वाली बस के बारे में पता करने लगे. बस स्टैंड पर दिल्ली-नोखा वाली बस खड़ी थी. वह उसमें बैठ गए. इस दौरान वह कंडेक्टर से धारुहेड़ा फ्लाइओवर पर उतारने की बात भी कर रहे थे. इसके बाद हम वापस आ गए.’
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