ACB Traps 2 Officer: राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने मंगलवार को सहकारिता विभाग के 2 बड़े अफसरों को 5 लाख रुपये की घूस लेते हुए गिरफ्तार किया था. डिप्टी रजिस्ट्रार देशराज यादव और निरीक्षक अरुण प्रताप पहले भी कोऑपरेटिव सोसाइटी की जमीन पर निर्मित दफ्तरों की सील खोलने की एवज में 5 लाख रुपये ले चुके थे. लेकिन 5 लाख रुपये की दूसरी किश्त लेते समय एसीबी ने उन्हें ट्रैप कर लिया.
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एसीबी की पूछताछ में सामने आया है कि जब पीड़ित ने रिश्वतखोर डिप्टी रजिस्ट्रार देशराज यादव से पूछा कि रिश्वत किस-किस को देनी है, तब वह बोला कि ‘ऊपर भगवान है और नीचे देशराज यादव है, रुपए मुझे ही देने होंगे’. यही नहीं, देशराज ने आगे यह भी कहा कि ‘मेरा सिद्धांत है रिश्वत की कमाई का दूसरों में बंटवारा नहीं करना’.
अफसरों ने सहायक रजिस्ट्रार को बनाया डिप्टी रजिस्ट्रार
एसीबी के ट्रैप के चलते गिरफ्तार हुआ देशराज सहायक रजिस्ट्रार है. लेकिन सहकारिता विभाग के अफसरों की मेहरबानी से उसे डिप्टी रजिस्ट्रार के पद पर लगाया हुआ था. इसके बावजूद अब तक सहकारिता विभाग का इस बात पर ध्यान नहीं गया.
घूस लेने के लिए धमकाता था देशराज
जिस शख्स से देशराज ने रिश्वत ली उससे वो 20 लाख रुपए की मांग कर कई महीनों से परेशान कर रहा था. यही नहीं, एसीबी सूत्रों के अनुसार पूछताछ में यह भी सामने आया है की 2021 से उप रजिस्ट्रार नियुक्त होने के बाद से ही देशराज यादव कोऑपरेटिव सोसाइटी के संचालकों से जांच रुकवाने के नाम पर रिश्वत की डिमांड करता था. अब एसीबी के ट्रैप करने के बाद उम्मीद है कि देशराज का पूरा सच सामने आएगा.
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