Cyber security challenges for rajasthan police: शातिर ठग साइबर ठगी (cyber fraud) के लिए हर दिन नए हथकंडे अपना रहे हैं. वहीं, राजस्थान (rajasthan news) पुलिस साइबर क्राइम से निपटने के लिए उन्हीं हथकंडो को नेस्तनाबूद करने में लगी है. साइबर पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है. इस पर अंकुश लगाने के लिए हर संभव प्रयास भी कर रही है. यही वजह है कि बीते दिनों राजस्थान साइबर पुलिस ने मेवात (mewat) इलाके में 1 लाख के करीब मोबाइल सेट और 1.28 लाख सिम कार्ड को डीएक्टिवेट किया है. यही नहीं अब 50 करोड़ रूपए की लागत से सेन्टर फॉर साइबर सिक्योरिटी की स्थापना भी की जा रही है.
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इसको लेकर राजस्थान तक ने डीजी साइबर सिक्योरिटी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि वर्तमान साइबर युग में साइबर अपराध के खतरे भी निरंतर बढ़ रहे हैं. राजस्थान पुलिस बढ़ते साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए व्यापक स्तर पर कार्य कर रही है. राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में साइबर थाने स्वीकृत किए है और 50 करोड़ रूपए की लागत से सेन्टर फॉर साइबर सिक्योरिटी की स्थापना की जा रही है.
बढ़ते साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिसकर्मियों की तकनीकी दक्षता पर विशेष बल दिया जा रहा है. पुलिसकर्मियों की साइबर तकनीकी दक्षता बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए उन्हें साइबर सिक्योरिटी डिप्लोमा कोर्स भी करवाया जा रहा है. विभिन्न गतिविधियां आयोजित कर डिजिटल जागरूकता को प्रोत्साहित करने के लिए विगत दिनों राजस्थान पुलिस हैकाथन पोर्टल का शुभारम्भ किया गया है.
डीजी ने बताया कि साइबर अपराध की चुनौती का सामना करने के लिए पुलिस तत्परता से कार्य कर रही हैं. पिछले दिनों मेवात क्षेत्र में करीब एक लाख 28 हजार सिम और एक लाख मोबाइल सेट को निष्क्रिय किया गया. पुलिस इन्टर्नशिप प्रोग्राम के माध्यम से युवा प्रतिभाओं को भी जोड़ा जा रहा है. साइबर अपराधों की प्रभावी रोकथाम के लिए आमजन में साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता आवश्यक है. अधिकांश साइबर अपराध जाली ईमेल, मैसेज या फोन कॉल पर बैंककर्मी बनकर एटीएम नंबर और पासवर्ड आदि की जानकारी लेकर किये जाते हैं.
इसको लेकर रवि प्रकाश ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि साइबर जागरूकता की दृष्टि से भूलकर भी अपनी एटीएम नंबर और पासवर्ड आदि की जानकारी को इन्टरनेट या फोन कॉल या मैसेज के माध्यम से नहीं दे. एटीएम कार्ड का नंबर और पासवर्ड आदि किसी अन्य को नहीं बताये. फर्जी ईमेल और फर्जी व्हाट्सएप मैसेज से भी सतर्क रहने की आवश्यकता है. अनजान व्यक्तियों से फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने में सावधानी बरतें. वीडियो कॉल के दौरान किसी भी तरह के अशोभनीय अनुरोध को स्वीकार ना करें. यदि फिर भी आप साइबर क्राइम के शिकार बन गए हैं तो तत्काल 1930 डायल करें.
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