Court decision in Mob Lynching Case: रकबर मॉब लिंचिंग मामले में कोर्ट ने गुरुवार को सजा सुना दी. इस मामले के 4 आरोपियों को सजा सुनाते हुए एक को बरी कर दिया गया है. परमजीत, धर्मेन्द्र, नरेश और विजय को 7 साल की सजा सुनाई गई है. साथ ही एक आरोपी नवल को कोर्ट ने बरी कर दिया है.
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मॉब लिंचिंग के मामले में यह फैसला करीब 5 साल बाद आया है. अलवर के अपर सत्र न्यायाधीश नंबर-1 सुनील गोयल की अदालत ने आरोपियों को निर्णय सुनाया. गौरतलब है कि रकबर उर्फ अकबर की 20 जुलाई, 2018 की रात को मॉब लिंचिंग में हत्या कर दी गई. इस दौरान उसके साथ असलम किसी तरह से जान छुड़ाकर भाग गया था.
दरअसल, असमल और रकबर गायों के साथ भरतपुर जिले में अपने गांव जा रहे थे. तभी रामगढ़ तहसील के लालवंडी गांव में धर्मेंद्र, परमजीत और विजय ने उन्हें रोक लिया. खुद को गौ रक्षक बताने वाले इन लोगों ने दोनों युवकों के साथ मारपीट शुरू कर दी. जैसे ही आरोपी टूट पड़े, उन्हें देख असलम मौके से भाग गया. जिसके बाद तथाकथित गौरक्षकों ने रकबर को बेरहमी से पीटा. जब वह जमीन पर गिरा तो उन्होंने रामगढ़ पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल रकबर और गायों को रामगढ़ थाने ले गई. घायल रकबर को थाने में डाल दिया गया. जब रकबर को रामगढ़ अस्पताल भेजा गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. जांच में दो और गो रक्षकों के बाद विजय और नेवल किशोर भी इस मामले में शामिल पाए गए.
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