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राजस्थान कांग्रेस में टिकट को लेकर माथापच्ची जारी है। बुधवार को कांग्रेस के वार रूम में भरतपुर, जोधपुर, कोटा और पाली संभाग के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा हुई। पार्टी में टिकट की दावेदारी के बीच ये बात सामने आई है कि सीएम गहलोत उन 50 विधायकों के टिकट सुरक्षित करने के दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, जिन्होंने उस समय उनका साथ दिया था, जब उनकी सरकार के लिये सचिन पायलट ने संकट खड़ा कर दिया था । गहलोत का कहना है कि इन विधायकों ने सरकार बचाई थी, इसलिये इनको टिकट दिया जाना चाहिये और इन्हें दोबारा चुनाव में खड़ा किया जाना चाहिये।
लेकिन स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष गौरव गोगोई ने का तर्क है कि पार्टी द्वारा किये गये सर्वे इन विधायकों की हार तय बता रहे हैं। गोगोई का कहना है कि पार्टी ऐसे लोगों को टिकट नहीं दे सकती, जिनकी हार तय हो। ये लोग अत्यधिक भ्रष्ट लोगों की श्रेणी में भी हैं और ज़मीनी स्तर पर इनकी छवि काफी खराब है। अब सारा दारोमदार इस बात पर निर्भर है कि ऐसे विधायक जिनके जीतने की कोई संभावना नहीं है उनके टिकट काटने को लेकर राहुल गांधी क्या रूख अपनाते हैं।अगर राहुल गहलोत के दबाव के आगे झुक जाते हैं तो पार्टी की स्थिति खराब हो जायेगी।
The tussle over the ticket continues in the Rajasthan Congress. On Wednesday, a discussion was held with senior leaders of Bharatpur, Jodhpur, Kota and Pali divisions in the war room of Congress. Amidst the claims for tickets in the party, it has come to light that CM Gehlot is working day and night to secure tickets for those 50 MLAs who had supported him when Sachin Pilot created a crisis for his government. Had given . Gehlot says that these MLAs had saved the government, hence they should be given tickets and they should be fielded in the elections again.
But screening committee chairman Gaurav Gogoi argues that the surveys conducted by the party are indicating that the defeat of these MLAs is certain. Gogoi says that the party cannot give tickets to people whose defeat is certain. These people are also in the category of highly corrupt people and their image at the ground level is very bad. Now everything depends on what stance Rahul Gandhi takes on cutting the tickets of MLAs who have no chance of winning. If Rahul succumbs to Gehlot’s pressure, the party’s situation will worsen.
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