जिस एक्सप्रेसवे (delhi mumbai expressway) को सबसे सुरक्षित एक्सप्रेसवे होने का दावा किया जा रहा है उसपर हादसों की संख्या बढ़ने लगी है. अभी दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को शुरू हुए 2 साल भी नहीं हुए और इसकी हालत खस्ता होने लगी है. केवल राजस्थान में दौसा की बात करें तो इस एक्सप्रेसवे पर अब तक लगभग 150 से अधिक हादसे हो चुके हैं. इन हादसों में 50 से ज्यादा जानें जा चुकी हैं.
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ध्यान देने वाली बात है कि इस एक्सप्रेसवे को जर्मन तकनीकी से बनाने का दावा भी किया गया था. महज कुछ ही महीनों में दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे खतरों का एक्सप्रेसवे बन गया. एक्सप्रेसवे पर पैच वर्क का काम चलता ही रहता है. वहीं सीजन की पहली बारिश में ही एक्सप्रेसवे के निमार्ण में हुई लापरवाही की तस्वीर भी सामने आने लगी हैं.
दौसा जिले से गुजरने वाले एक्सप्रेस में बारिश की वजह से किनारे पर कई जगह बड़े गड्ढे बन गए हैं. एक्सप्रेसवे पर बनी सुरक्षा की दीवार भी कहीं-कहीं खत्म हो गई है. सुरक्षा दीवार खत्म होने से घूमंतू जानवर भी एक्सप्रेसवे पर आ जाते हैं जिससे हादसे हो जाते हैं. बारिश के कारण कुछ स्थानों पर एक्सप्रेसवे टूट गया है. यहां ब्रेकर बनाकर एक्सप्रेसवे पर चलने वाले साधनों को डायवर्ट किया गया है.
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