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डूंगरपुर जिले के पातली गांव में पिछले दिनों राजपूत समाज के युवक विक्रम सिंह चुंडावत को कुछ आदिवासी युवकों ने मौत के घाट उतार दिया था। विक्रम की मौत के बाद राजपूत समाज के लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया, सैकड़ों की तादात में राजपूत समाज के लोग सड़क पर उतर आए, विक्रम के शव को लेकर धऱना प्रदर्शन करने लगे। बताया जा रहा है कि दो अप्रैल को विक्रम के साथ कुछ आदिवासी युवकों ने मारपीट की थी उनपर धरदार हथियार से पीछे से हमला किया गया था, रास्ते में घायल पड़े विक्रम को राहगीरों ने अस्पताल पहुंचाया था, लेकिन इलाज के दौरान ही विक्रम की मौत हो गई थी। राजपूत समाज के लोग विक्रम के शव का पोस्टमार्टम कराने को भी तैयार नहीं थे, आखिरकार प्रशासन से उनकी बातचीत हुई, विक्रम की पत्नी को सरकारी नौकरी और मुआवजे पर सहमति के बाद ही उसके शव का अंतिम संस्कार करवाने के लिए समाज के लोग तैयार हुए। जिला कलेक्टर ने मृतक की पत्नी को मां बाडी में सरकारी नौकरी एव 7 लाख की आर्थिक सहायता को मंजूरी दी है। पूर्व राज्य सभा सासंद हर्षवर्धन सिंह,करनी सेना प्रदेश अध्यक्ष भंवर सिंह सलाडिया और समानता मंच के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चुण्डावत के साथ राजपूत समाज और सर्व समाज के लोग भी मृतक विक्रम सिंह के परिजनों को मुआवजा दिलवाने की मांग पर अड़े थे, आखिरकार प्रशासन को समाज की जिद के आगे मुआवजे पर सहमति बनानी ही पड़ी। विक्रम को मौत के घाट उतारने वाले आरोपी फिलहाल पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
Dungarpur: Two communities face to face on the death of a youth!
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