पटाखों से प्रदूषित हुई राजस्थान की हवा, 300 के पार पहुंचा इस शहर का AQI, जानें

राजस्थान तक

• 09:17 AM • 13 Nov 2023

Rajasthan Air Pollution: सुप्रीम कोर्ट के पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद रविवार को देश भर में जमकर पटाखे चलाए गए. इससे राजस्थान (rajasthan news) की भी हवा प्रदूषित हो गई है. सोमवार सुबह 8 बजे जयपुर, जोधपुर, अजमेर, बीकानेर और उदयपुर जैसे बड़े शहरों का एक्यूआई (Air quality index) 200-250 के बीच दर्ज हुआ. […]

पटाखों से प्रदूषित हुई राजस्थान की हवा, 300 के पार पहुंचा इस शहर का AQI, जानें

पटाखों से प्रदूषित हुई राजस्थान की हवा, 300 के पार पहुंचा इस शहर का AQI, जानें

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Rajasthan Air Pollution: सुप्रीम कोर्ट के पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद रविवार को देश भर में जमकर पटाखे चलाए गए. इससे राजस्थान (rajasthan news) की भी हवा प्रदूषित हो गई है. सोमवार सुबह 8 बजे जयपुर, जोधपुर, अजमेर, बीकानेर और उदयपुर जैसे बड़े शहरों का एक्यूआई (Air quality index) 200-250 के बीच दर्ज हुआ.

वहीं कोटा, गंगानगर, हनुमानगढ़, भरतपुर में प्रदूषण का लेवल 250 के आसपास रहा. अगर सबसे ज्यादा पॉल्यूशन की बात करें तो वह धौलपुर जिले में रहा. धौलपुर का एक्यूआई सबसे ज्यादा 300 से ऊपर दर्ज किया गया.

इन जिलों की हवा सबसे साफ

राजस्थान में पोकरण, सिरोही, बाड़मेर, आबू और जैसलमेर ऐसे जिले रहे जहां प्रदूषण का स्तर सबसे कम रहा. इन जिलों का एक्यूआई 100 के आसपास या उससे नीचे ही रहा. ऐसे में यहां के लोगों को जहरीली हवा का कहर नहीं सहना पड़ेगा.

50 से ज्यादा नहीं होना चाहिए AQI

गौरतलब है कि 0-50 के बीच एक्यूआई का लेवल ही अच्छा माना जाता है. ऐसी हवा ही सांस लेने के लिए सही मानी जाती है. अगर 51-100 एक्यूआई रहता है तो सेंसेटिव लोगों को सांस लेने में परेशानी हो सकती है. 101-200 तक का एक्यूआई अस्थमा और दिल के मरीजों के लिए खतरनाक माना जाता है. 201-300 के बीच एक्यूआई को ‘खराब’ माना जाता है. इस स्थिति में लगभग सभी लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. अगर एक्यूआई 301-400 के बीच पहुंच जाता है तो इसे ‘बहुत खराब’ स्थिति माना जाता है. ऐसे में सांस और फेफड़ों की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. 401-500 के बीच एक्यूआई को बेहद गंभीर माना जाता है. ऐसी स्थिति में सेहतमंद लोग भी बीमार पड़ सकते हैं.

जहरीली हवा से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

जहरीली हवा से बचाने के लिए बच्चों को ज्यादा धूल-धुएं वाली जगहों पर नहीं जाने दें. इसके अलावा हैवी ट्रैफिक या औद्योगिक जगहों पर बच्चों को ले जाने से बचें. एयर प्यूरीफायर के जरिए घर की हवा की क्वालिटी भी सुधार सकते हैं. जब भी बाहर निकलें मास्क का यूज जरूर करें.

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